बिहार सरकार का नया फैसला, सरकारी ठेका लेने के लिए ठेकेदार को देना होगा चरित्र प्रमाण पत्र
हाल ही में इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में एयरपोर्ट पार्किंग ठेका के विवाद की आशंका जताई गई थी। इसके बाद पुलिस कई ठेका विवाद की पड़ताल कर रही। इस बीच आज मुख्यसचिव ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में यह फैसला लिया ।
पटना, राज्य ब्यूरो । सरकार के किसी भी ठेके को हासिल करने वाले ठेकेदारों को अब पहले चरित्र प्रमाण -पत्र देना आवश्यक होगा। इतना ही नहीं पब्लिक से जुड़े ठेके में जितने भी कर्मचारी काम मे लगाए जाएंगे ठेकेदार को उनका चरित्र प्रमाण-पत्र भी सरकार को देना होगा। गुरुवार (21 जनवरी) को राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुब्हानी और पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के विधि-व्यवस्था की समीक्षा की।
ठेके में विवाद के बाद लिया फैसला
बता दें कि हाल ही में पुलिस महानिदेशक (Bihar DGP) एसके सिंघल ने इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या में एयरपोर्ट पार्किंग ठेका के विवाद की आशंका जताई थी। इसके अलावा उक्त हत्या कांड में पुलिस अन्य ठेके के मामलों की भी पड़ताल कर रही है। इनके पहले भी ठेके को लेकर राज्य में काफी विवाद होते रहे हैं। इन विवादों के बीच आज मुख्यसचिव की बैठक में चरित्र प्रमाण-पत्र की व्यवस्था बनाई गई है।
कर्मचारियों को देना होगा पहचान पत्र
करीब 40 मिनट चली बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से ठेके को लेकर होने वाले विवाद पर चर्चा हुई। सरकार ने फैसला किया है कि अब सभी तरह के ठेकेदार को सरकारी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए आरक्षी अधीक्षक कार्यालय से जारी चरित्र प्रमाण-पत्र देना आवश्यक होगा।
दीपक कुमार ने कहा की जो लोग ठेकेदार के साथ काम करेंगे उनका चरित्र प्रमाण पत्र भी ठेकेदारों को अनिवार्य रूप से देना होगा। पब्लिक कॉन्ट्रेक्ट जैसे बस स्टैंड, सब्जी बाजार या इस तरह के अन्य कॉन्ट्रेक्ट होंगे उनमें ठेकेदारों द्वारा जितने भी कर्मचारी लगाए जाएंगे उन्हें उन कर्मचारियों को एक पहचान पत्र भी देना होगा।