कोरोना काल में जेल जाना भी आसान नहीं! बिहार में खास प्रक्रिया के बाद ही लालघर जा रहे हैं कैदी
Bihar Jail News कैदियों की रिहाई के लिए पेरोल और अंतरिम जमानत का विकल्प दिया गया था। इस बाबत जेल प्रशासन के द्वारा गृह विभाग को प्रस्ताव भी भेजा गया है मगर अभी तक इस दिशा में कोई निर्देश नहीं आया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना के संक्रमण रोकने के लिए राज्य की जेलों में आने वाले नए कैदियों को पहले क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसके लिए जेल प्रशासन ने 20 जेलों को चिह्नित किया है। इसमें 16 जेल पुरुष, जबकि चार जेल महिला कैदियों के क्वारंटाइन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसके अलावा कैदियों का टीकाकरण भी जारी है। जेल में बाहर से आने वाले कैदियों की पहली स्वास्थ्य जांच की जा रही है। उसके बाद उन्हें कुछ दिनों तक क्वारंटाइन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के बाद ही उन्हें पहले से मौजूद पुराने कैदियों के साथ रखा जा रहा है।
- नए कैदी हो रहे क्वारंटाइन, 20 हजार को मिली कोरोना वैक्सीन
- 18 वर्ष से अधिक उम्र के कैदियों का भी शुरू हुआ टीकाकरण
जेल आइजी मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी काराधीक्षकों को जेल परिसर का नियमित सेनेटाइजेशन करने एवं संक्रमण से बचाव के लिए अन्य व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है। नए कैदियों को संबंधित जिले के न्यायालयों में आवश्यकतानुसार वीडिया कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने को भी कहा गया है।
कोरोना टीकाकरण पर जोर
राज्य की जेलों में लगभग 55 हजार कैदी बंद हैं। जेल आइजी ने बताया कि अभी तक 20 हजार से अधिक कैदियों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है। जेल में बंद 18 वर्ष से अधिक उम्र के कैदियों का भी टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। सभी जेलों को टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
कैदियों की रिहाई पर अभी फैसला नहीं
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कम सजा वाले कैदियों को रिहा करने का निर्देश दिया था। कैदियों की रिहाई के लिए पेरोल और अंतरिम जमानत का विकल्प दिया गया था। इस बाबत जेल प्रशासन के द्वारा गृह विभाग को प्रस्ताव भी भेजा गया है, मगर अभी तक इस दिशा में कोई निर्देश नहीं आया है। ऐसे में कैदियों की रिहाई के लिए अभी और इंतजार करना होगा।