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कोरोना की रोकथाम को लेकर बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट को दी रिपोर्ट, यह भी बताना है- क्‍यों कम्‍प्‍युटरीकृत नहीं हुए पुलिस थाने

पटना हाईकोर्ट में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को लेकर अहम सुनवाई चल रही है। इसमें राज्‍य सरकार ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। हाईकोर्ट ने एक अन्‍य मामले में पुलिस थानों को डिजिटल करने में विलंब को लेकर भी सवाल पूछा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 11:07 AM (IST)
कोरोना की रोकथाम को लेकर बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट को दी रिपोर्ट, यह भी बताना है- क्‍यों कम्‍प्‍युटरीकृत नहीं हुए पुलिस थाने
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। Patna High Court News पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में राज्य सरकार (Bihar Government) ने कोरोना वायरस के संक्रमण की महामारी (Epidemic of (CoronaVirus) को नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्रवाई का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया। उधर, हाईकोर्ट ने एक अन्‍य मामले में सुनवाई के दौरान गृह विभाग के प्रधान सचिव से पूछा कि राज्‍य के थानों को अभी तक कंप्यूटरीकृत (Computerization of Police Stations) क्‍यों नहीं किया जा सका है?

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कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगातार हो रहा काम

पटना हाईकोर्ट में दिनेश कुमार सिंह व अन्य की लोकहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लगातार टेस्ट और नियत्रण कार्रवाई की जा रही हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि बिहार में कोरोना का नहीं होना मात्र भ्रम पैदा करने जैसा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के अधिकांश मेडिकल कालेजों में सिटी स्कैन और एमआरआइ मशीन नहीं हैं। इस कारण मरीजों को पैसे खर्च कर टेस्ट कराने होते हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि  कोरोना टेस्ट में लगभग 40 फीसदी में रिपोर्ट सही नहीं होते हैं। इससे पहले कोर्ट ने 60 वर्ष के अधिक आयु के लोगों के कोरोना जांच के मामले में रिपोर्ट राज्य सरकार को पेश करने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को की जाएगी।

सरकार बताए थानों को क्यों नहीं किया गया कंप्यूटरीकृत 

पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को बिहार के थानों को डिजिटल करने के मामले में भी सुनवाई हुई l यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायाधीश संजय कुमार के खंडपीठ में सुनवाई हुई। खंडपीठ ने गृह विभाग के प्रधान सचिव अमीर सुभानी से 10 दिनों के अंदर बताने को कहा है कि जब राज्य सरकार ने कहा था कि 2020 तक सभी थानों को कंप्यूटरीकृत कर दिया जाएगा तो अभी तक क्यों नहीं हो पाया है?

विदित हो कि गृह विभाग ने शपथ पत्र के माध्यम से कहा था कि बिहार के सभी थानों को अक्तूबर 2020 तक  डिजिटल  कर दिया जाएगा, लेकिन यह अब तक नही हो पाया है। सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि डिजिटल करने की प्रक्रिया कोरोना की वजह से बंद थी, जो अब पुनः शुरू हो चुकी है। कोर्ट ने कहा कि  प्रधान सचिव आमिर सुब्हानी 10 दिन के अंदर प्रतिशपथ पत्र के माध्यम से बताये की अभी तक क्यों नही प्रक्रिया पूरी हुई है।  इस मामले में अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को की जाएगी।


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