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बिहार सरकार का बड़ा फैसला- दरभंगा, बेतिया और भागलपुर अभिलेखागार के दस्तावेजों का होगा डिजिटाइजेशन

राजस्व मंत्री ने बताया कि भूमि संबंधी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि पहले चकबंदी निदेशालय को अपने दस्तावेजों को डिजिटाइज्‍ड एवं स्कैन कराने को कहा गया है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:58 AM (IST)
बिहार सरकार का बड़ा फैसला- दरभंगा, बेतिया और भागलपुर अभिलेखागार के दस्तावेजों का होगा डिजिटाइजेशन
जमींदारी काल के दस्‍तावेजों काे किया जाएगा डिजिटलाइज्‍ड। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। जमींदारी के दिनों के जमीन से जुड़े जीर्ण-शीर्ण दस्तावेजों को डिजिटल रूप दिया जाएगा। इनकी हालत ठीक नहीं है। इसके तहत दरभंगा, बेतिया और भागलपुर पुराने अभिलेखागारों के दस्तावेज डिजिटाइज्ड होंगे। इसके लिए गत सोमवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की हुई समीक्षा बैठक में निर्णय लिया जा चुका है। बैठक में विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार और अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के सामने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया गया कि पुराने अभिलेखों का डिजिटाइजेशन और संरक्षण कैसे किया जाता है।

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नोडल पदाधिकारी की जिम्‍मेदारी तय

अभिलेखागार निदेशालय द्वारा वर्ष 1770 एवं उसके बाद के जीर्ण-शीर्ण अभिलेखों को डिजिटाइज किया गया है। जमींदारी काल के दस्तावेज उससे पहले के हैं। इनका सफलतापूर्वक डिजिटाइजेशन और संरक्षण किया जा रहा है। इस काम के लिए विभाग के वरीय शोध पदाधिकारी संजय कुमार सिंह को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

चकबंदी निदेशालय कराएगा स्‍कैन

राजस्व मंत्री ने बताया कि भूमि संबंधी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है। अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि पहले चकबंदी निदेशालय को अपने दस्तावेजों को डिजिटाइज्‍ड एवं स्कैन कराने को कहा गया है। इसी के आधार पर पूरे विभाग एवं बाकी निदेशालयों के भूमि संबंधी दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम होगा।

सात साल से हो रहा है काम

2014-15 में अंचलों में जमाबंदी, पंजी-2 एवं सर्वे खतियान की स्कैनिंग का काम शुरू हुआ। जिम्मेवारी  जिला पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी। स्कैनिंग की तकनीक का चयन संबंधित जिलों द्वारा किया गया। इसमें एनआईसी एवं बेल्ट्रॉन की मदद ली गई। हरेक अंचल के लिए अलग एजेंसी नियुक्त की गई। बाद में अभियान के तहत पंजी-2 को डिजिटाइच्ड किया गया। इसी आधार पर ऑनलाईन म्यूटेशन, लगान, एलपीसी एवं पंजी-2 में ऑनलाईन सुधार (परिमार्जन) जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

कुल 28 श्रेणी के दस्तावेज हैं शामिल

जिन अभिलेखों का स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन किया जाना है, उनमे मुख्य हैं: कैडेस्ट्रल एवं रीविजनल सर्वे खतियान और चकबन्दी खतियान। इनके अलावा नामांतरण पंजी, नामांतरण अभिलेख, शुद्धि पत्र की मौजावार रक्षी पंजी, भूमि बंदोबस्त पंजी, भूमि हदबंदी, वासगीत पर्चा एवं सरकारी भूमि से संबंधित पंजी एवं अभिलेख को भी डिजिटाइज किया जा रहा है। डिजिटाइज होने वाले दस्तावेजों की 28 श्रेणियां हैं। सैरात पंजी एवं अभिलेख, भू-अतिक्रमण वाद पंजी एवं अभिलेख, भू-दान, भूमि लगान निर्धारण एवं बन्दोबस्त पंजी एवं अभिलेख को अगले चरण में डिजिटाइज किया जाएगा। भूमि विवाद से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले को भी डिजिटाइज किया जाएगा।


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