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Good News: बिहार सरकार GST कानून में करेगी बदलाव, 40 लाख तक के कारोबार काे मिलेगी छूट

बिहार सरकार जीएसटी के प्रावघनों में बड़ा बदलाव कर रही है। अब सर्विस प्रोवाइडर भी इसके दायरे में लाए जाएंगे। साथ ही कई बड़ी राहतें भी दी जा रही हैं। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 11:34 PM (IST)
Good News: बिहार सरकार GST कानून में करेगी बदलाव, 40 लाख तक के कारोबार काे मिलेगी छूट
Good News: बिहार सरकार GST कानून में करेगी बदलाव, 40 लाख तक के कारोबार काे मिलेगी छूट

पटना [स्‍टेट ब्यूरो, ]। बिहार सरकार जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) रजिस्ट्रेशन प्रावधान में बदलाव करने जा रही है। वाणिज्य कर विभाग की इस पहल से लाखों कारोबारियों को राहत मिलने का अनुमान है। इस पहल को अमली जामा पहनाने के लिए विधान परिषद में बुधवार को 22वां बिहार वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2019 (Bihar GST Amendment Bill 2019) पारित किया गया।

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अब 40 लाख तक कारोबार का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं

इससे पहले उपमुख्यमंत्री (Dy. CM) सुशील मोदी (Sushl Modi) ने सदन को 22वें संशोधन विधेयक के बारे में विस्तार बताया। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के रामचंद्र पूर्वे (Ramchandra Purvey) के सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब 40 लाख रुपये तक सालाना कारोबार करने वालों को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन (GST Registration) नहीं कराना होगा। यही नहीं, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है।

सर्विस प्रोवाइडर भी किए गए शामिल

अब जीएसटी रजिस्ट्रेशन में आधार के साथ कुछ अन्य दस्तावेज अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र में कार्य करने वाले (Service Provider) के लिए भी संशोधित विधेयक में प्रावधान किया गया है। इससे पहले रेस्टूरेंट सर्विस को छोड़कर अन्य कोई सर्विस प्रोवाइडर इसमें शामिल नहीं था।

50 लाख तक के व्यापारियों को कम्पोजिशन लेवी का लाभ

अब 50 लाख रुपये तक के व्यापारियों के लिए भी कम्पोजिशन लेवी का लाभ दिए जाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे व्यापारियों को त्रैमासिक आधार पर टैक्स भुगतान की सुविधा भी प्रदान की गई है।

1.50 करोड़ तक कारोबारियों का वर्ष में एक बार रिर्टन

इसी प्रकार रिटर्न फाइलिंग की नई व्यवस्था अगले वर्ष पहली अप्रैल से लागू होगी। इसके लिए कुछ अन्य श्रेणी के कर दाताओं (पांच करोड़ तक के करदाता) के लिए भी त्रैमासिक विवरणी और मासिक आधार पर टैक्स भुगतान का प्रावधान किया गया है। रिफंड के लिए सिंगल विंडो सिस्टम और 1.50 करोड़ रुपये तक कारोबारियों को अब वर्ष में एक बार रिर्टन भरने का प्रावधान किया गया है।


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