Bihar Flood Update: टूट रहे तटबंध, दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाले NH पर पुल क्षतिग्रस्त-17 की मौत
Bihar Flood Update गंडक नदी में पानी नापी के भारी दबाव के कारण तटबंधों का टूटना जारी है। लगातार नए इलाकों में पानी प्रवेश कर रहा है। क्या हैं बाढ़ के ताजा हालात जानिए।
पटना, जागरण टीम। सूबे में रविवार को भी बाढ़ से हालात चिंताजनक बने रहे। रविवार को कई जिलों में हल्की बारिश हुई। नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा । पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों में पानी धीरे-धीरे घट रहा है। नदियां कटाव कर रही हैं। सुपौल में कोसी ने पश्चिमी तटबंध के दो बिंदुओं पर दबाव बनाया है। गोपालगंज के मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मुंडेरा व मूंजा में भी शनिवार को सारण तटबंध के टूटने से बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। दरभंगा और मुजफ्फरपुर में भी दो बांध टूट गए। इससे कई गांवों में पानी फैल रहा है। समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य पथ पर बागमती और दरभंगा-जयनगर एनएच -527 बी पर खिरोई का पानी चढ़ गया है। समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर तीसरे दिन और सुगौली-मंझौलिया रेलखंड पर दूसरे दिन ट्रेन परिचालन बाधित रहा। बाढ़ के पानी में डूबने से पूर्वी चंपारण के छह, गोपालगंज के तीन दरभंगा और सहरसा में दो-दो, मधुबनी, सीतामढ़ी , सिवान और पूर्णिया में एक-एक की व्यक्ति की मौत हो गई।
दो हेलीकॉप्टरों से गिराए गए फूड पैकेट्स
पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 1.63 लाख क्यूसेक रहा। पूर्वी चंपारण में केसरिया के राजद विधायक डॉ. राजेश कुमार के गांव सरोत्तर के पास पुल ध्वस्त हो गया। मोतिहारी शहर के पास के क्षेत्रों में पानी फैल रहा है। आपदा कार्य में लापरवाही के कारण सुगौली व मोतिहारी सीओ हटा दिए गए। वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों से फूड पैकेट्््स गिराए गए। मधुबनी में कमला बलान खतरे के निशान से ऊपर है। समस्तीपुर के निचले क्षेत्रों में पानी फैला है। सीतामढ़ी में नदियां लाल निशान के पार हैं। मोतिहारी व सीतामढ़ी से शिवहर का संपर्क भंग रहा।
उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर जारी
पूर्वी चंपारण में केसरिया का विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप भी पानी से घिर गया है। मेहसी प्रखंड के कई गांवों में भी पानी प्रवेश कर गया है। मधुबनी और समस्तीपुर के दर्जनों गांवों में पानी जमा है। वहीं दरभंगा में हेलीकॉप्टर से राहत बांटी गई। पूर्वी चंपारण और दरभंगा में डीएम ने हेलीकॉप्टर से सर्वे किया। मोतिहारी, सीतामढ़ी और दरभंगा शहर भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। तीनों शहरों के कई मोहल्ले पानी से घिरे हैं। सीतामढ़ी और दरभंगा शहर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों पर पानी बह रहा है।
सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय पानी में डूबा
गोपालगंज के मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मुंडेरा व मूंजा में भी शनिवार को सारण तटबंध टूटने से जिले में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। रात में सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय में गंडक नदी का पानी प्रवेश कर गया। सुबह तक प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र, थाना सहित सभी कार्यालय पानी में डूब गये। पूरे प्रखंड मुख्यालय में बाढ़ का पानी बह रहा है। बुचेया सहित इस प्रखंड के दो दर्जन गांव पानी में डूबे गये। लोग घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं। बैकुंठपुर प्रखंड में भी रात में नये इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। मांझा तथा प्रखंड मुख्यालय बरौली सहित इन दोनों प्रखंड में बाढ़ की चपेट में आये 45 गांवों में और पानी भर गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रशासन एनडीआरएफ की टीम के साथ रेस्क्यू अभियान चला रहा है।
कोसी घट रही, गंगा बढ़ रही
सुपौल जिले के 11 में से पांच प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। सहरसा में कोसी समेत अन्य नदियों के जलस्तर में गिरावट दिख रही है। अररिया में नदियों का घटता जलस्तर कटाव कर रहा है। किशनगंज में सभी नदियों के जलस्तर में गिरावट जारी है। कटिहार में महानंदा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा, कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। पांच दर्जन से अधिक गांवों में महानंदा नदी का पानी प्रवेश कर गया है।