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बिहार: सीतामढ़ी में 437 हड़ताली शिक्षकों पर FIR दर्ज, कई किए गए सस्पेंड

बिहार में सीतामढ़ी जिले में हड़ताली शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। 437 शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज की गई है तो वहीं कई शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 04:30 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 07:55 PM (IST)
बिहार: सीतामढ़ी में 437 हड़ताली शिक्षकों पर FIR दर्ज, कई किए गए सस्पेंड
बिहार: सीतामढ़ी में 437 हड़ताली शिक्षकों पर FIR दर्ज, कई किए गए सस्पेंड

पटना, जेएनएन।  सीतामढ़ी जिले में हड़ताली शिक्षकों पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। जिले के 437 शिक्षकों पर गाज गिरी है। उनपर एफआइआर दर्ज की गई है तो वहीं कई शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। जिले में इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य में बाधा डालने के आरोप में 437 शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज की गई है। इस प्रक्रिया में कोताही बरतने वाले कई शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।

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इसकी जानकारी देते हुए जिले की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि हर हाल में इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 9 मार्च तक पूरा किया जाना है और इसमें बाधा उत्पन्न करने वाले शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा। 

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में मूल्यांकन कार्य चार केंद्रों पर चल रहा है और ऐसे 437 हड़ताली शिक्षक जो योगदान नहीं किये हैं उनके विरूद्ध अनुशासनिक कारवाई की गई है। इनमें कई को निलंबित भी किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि मूल्यांकन कार्य में प्रतिनियुक्ति के बावजूद जिन शिक्षकों ने अपना योगदान नहीं दिया है ऐसे 437 शिक्षकों के विरूद्ध थाने में प्राथिमिक दर्ज कराकर उन्हें निलंबित करने हेतु संबंधित नियोजन इकाइयों को अनुशंसा भेज दी गई है। 

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के सभी चार मूल्यांकन केन्द्रों पर विधि-वव्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। जिस किसी भी शिक्षक या अन्य व्यक्ति द्वारा मूल्यांकन कार्य को बाधित करने की कोशिश की जायेगी उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि सभी मूल्यांकन केन्द्रों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है इसके लिए पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बलों के साथ दंडाधिकारी की तैनाती की गई है।

उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा हड़ताली शिक्षकों के वेतन मान में सुधार के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है इसलिए हड़ताल में शामिल शिक्षकों को अपने-अपने कतर्व्य स्थल पर तुरंत योगदान कर शिक्षण एवं मूल्याकंन कार्य में सहयोग प्रदान करना चाहिए। 


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