Bihar News: बिहारशरीफ में पकड़े गए तीन फर्जी गुरुजी, एक ही प्रणाम पत्र हो गई दो शिक्षकों की नियुक्ति
बिहारशरीफ में एक बार फिर से तीन फर्जी गुरुजी पकड़े गए हैं। निगरानी जांच में इन तीनों फर्जी शिक्षकों का नाम सामने आया है। एक शिक्षका का प्रमाण पत्र फर्जी है तो दूसरी ओर एक ही प्रणाम पत्र पर दो शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया है।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ । जिले में एक बार फिर से तीन फर्जी शिक्षक पकड़े गए हैं। बिहारशरीफ में एक शिक्षक का प्रमाण पत्र फर्जी (Fake Certificate) पाया गया तो दूसरी ओर एक ही प्रमाण पत्र पर दो शिक्षकों की नियुक्ति का मामला भी उजागर हुआ है। निगरानी विभाग(Vigilance Department) की जांच में तीन फर्जी शिक्षक पकड़े गए हैं। इनमें से प्राथमिक विद्यालय कपटिया सिलाव में पदस्थापित पंचायत शिक्षिका मंजू सिन्हा का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जिसके बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के निर्देश पर उक्त शिक्षिका पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।पंचायत नियोजन इकाई सूरजपुर सिलाव को उक्त शिक्षिका के नियोजन को रद्द करने का निर्देश दिया गया है।
फर्जी पाए गए शिक्षक के प्रमाण पत्र
जानकारी के मुताबिक बिहारशरीफ में फर्जी शिक्षकों की श्रेणी में पंचायत शिक्षक अर्जुन कुमार का भी नाम निगरानी की जांच में सामने आया है। अर्जुन कुमार, नव प्राथमिक विद्यालय बिलारी, कतरी सराय में पदस्थापित हैं जांच में अर्जुन कुमार के प्रमाण पत्र भी फर्जी पाए गए हैं। शिक्षक अर्जुन कुमार पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इनका नियोजन रद्द करने के लिए पंचायत नियोजन इकाई बिलारी, कतरी सराय को लिखा गया है।
एक ही प्रणाम पत्र हो गई दो शिक्षकों की नियुक्ति
|इसके साथ ही एक ही प्रमाण पत्र पर दो- दो शिक्षकों की नियुक्ति का मामला एक बार फिर सामने आया है।उत्क्रमित मध्य विद्यालय हाजीपुर नगरनौसा की शिक्षिका मुनमुन भारती तथा मध्य विद्यालय अमरोहा चंडी में पदस्थापित प्रखंड शिक्षिका मुनमुन भारती का इंटरमीडिएट का अंकपत्र समान पाया गया है। इस मामले में डीपीओ स्थापना ने जानकारी दी है कि दोनों शिक्षकों को 16 सितंबर को अपने सभी शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साथ जिला शिक्षा कार्यालय में बुलाया गया है। जांच के बाद ही यह पता चल पाएग कि दोनों शिक्षिकाओं में से असली मुनमुन भारती कौन है। लेकिन यह तो तय माना जा रहा है कि दोनों शिक्षिका का एक ही प्रमाण पत्र तो नहीं हो सकता। लेकिन जांच के बाद यह साफ हो जाएगा कि आखिर किसने फर्जीवाड़ा किया है। पकड़े जाने पर इन पर प्राथमिकी दर्ज करा कर अब तक ली गई राशि की वसूली भी की जाएगी।