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पीएम माेदी पर बिहार के इंजीनियर सुलतान अलीमुद्दीन ने लिखी पुस्‍तक, गुजरात दंगा, आरएसएस और पीएम की अनसुनी बातों पर बेबाक लेखन

उप मुख्यमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सुलतान अलीमुद्दीन द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया। पहले करता था मोदी से नफरत। पहली मुलाकात में तब गुजरात के सीएम पर सवालों की बौछारें कर दी।

By Sumita JaswalEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 03:08 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 06:46 PM (IST)
पीएम माेदी पर बिहार के इंजीनियर सुलतान अलीमुद्दीन ने लिखी पुस्‍तक, गुजरात दंगा, आरएसएस और पीएम की अनसुनी बातों पर बेबाक लेखन
पीएम माेदी पर बिहार के इंजीनियर सुलतान अलीमुद्दीन ने लिखी पुस्‍तक, गुजरात दंगा, आरएसएस और पीएम की अनसुनी बातों पर बेबाक लेखन

पटना, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर पटना के पेट्रोलियम इंजीनियर सुलतान अलीमुद्दीन (Sultan Alimuddin) द्वारा लिखित पुस्तक 'आॅन प्‍वाइंट' का उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Susheel Kumar Modi) ने रविवार को विमोचन (Book release) किया। पुस्तक 2002  से प्रारम्भ होती है। पुस्तक में सर्वाधिक जानकारी नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान की है। पुस्‍तक के लेखक की कहानी भी दिलचस्‍प है। बिहार के पटना निवासी युवक  गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करने लग जाता है। वर्ष  2008 में किस्मत उसे गुजरात पहुंचा देती है। जहां वह पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने जाता है। 2008 से वह गुजरात के विकास से प्रभावित होने लगता है। 20 मार्च 2010  को वह  मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करता है, जिसके बाद मोदी उसे बुलाते हैं। पहली अप्रैल 2010 को सुलतान की मोदी से पहली बार मुलाकात होती है। सुलतान ने पहली ही मुलाकात में मोदी  से कई प्रश्न पूछे हैं। ये प्रश्‍न 20 वर्षीय छात्र के दिल में बहुत वर्षों से दबे हुए थे। उस वक्‍त नरेंद्र मोदी उनके सारे सवालों का उत्‍तर देते हुए उन्‍हें और पढ़ने के लिए प्रेरित किया। पुस्‍तक विमोचन कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश महामंत्री  और दीघा‍ विधायक संजीव चौरसिया (Sanjeev Chaurasia)  भी मौजूद थे।

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मोदी से पूछे गए प्रश्‍नोंत्‍तर भी पुस्‍तक में

 मोदी और सुलतान के बीच छह बार मुलाकात होती है, जिसमें सुलतान अनेक प्रश्न पूछते हैं। इस पुस्तक में वे सारे प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं। सुलतान का मुख्य लक्ष्य नरेंद्र मोदी के उस व्यक्तित्व को बाहर लाना है जिसके कारण वे भारतीय राजनीति में इतने ऊंचे स्थान तक पहुंच सके। सुलतान का कहना है कि यह पुस्तक एक अभियंता द्वारा लिखी गई है, जिसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक सोच और  मोदी जी के छिपे हुए व्यक्तित्व को बाहर लाना है । जिसे पढ़कर लोग अपने जीवन और देश को आगे ले जा सकें।

सुलतान ने पूछे तीखे सवाल

सुलतान अलीमुद्दीन ने तत्‍कालीन गुजरात के मुख्‍यमंत्री  कई  तीखे सवाल किए । जिनका मोदी ने धैर्यपूर्वक जवाब दिया। इसके बाद सुलतान की मोदी के प्रति धारणा भी बदली। बहरहाल, किताब के पेज संख्‍या में 81 में उन्‍होंने यह सवाल किया है कि यह आम परसेप्‍शन क्‍यों है कि माइनॉरिटी कम्‍यूनिटी गुजरात में सुरक्षित नहीं है? पेज 82 पर पूछा है कि उन्‍हें गुजरात के सीएम के पद पर रहते हुए एंटी मुस्लिम क्‍यों समझा जाता है ? पेज नंबर 85 पर वे सवाल करते हैं कि जिस तरह से उन्‍होंने मुस्लिमों की मदद की उसके बारे में उनके क्‍या विचार थे ? पेज नंबर 87 पर सुलतान बेबाकी से पूछते हैं कि 2002 में गुजरात में क्‍या हुआ था क्‍या यह स्‍टेट स्‍पांसर्ड नरसंहार (Genocide) था ? पेज नंबर 136  पर पीएम की  सोच और उनके  पालन-पोषण  पर  राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक (RSS) की  विचारधारा  के छाप  के बारे  में  वर्णन है?

पीएम की अनसुनी, निजी  पसंद  और  नापसंद  भी

किताब में  पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में  कुछ  अनसुनी और उनकी पसंद  और नापसंद  का भी  जिक्र है। मसलन उन्‍होंने अपने जीवन में तीन गलतियां क्‍या की और उससे क्‍या सीख ली?   जीवन में क्‍या बदलाव आया जब वे मुख्‍यमंत्री बनें?  पिछली बार  उन्‍होंने पूरी फिल्‍म कब देखी थी ? युवाओं को तनाव से बचने के लिए उन्‍हें क्‍या संदेश देना चाहेंगे ?  उनके बचपन और युवावस्‍था की ऐसी घटनाओं का जिक्र जिसकी उनके मन पर गहरी छाप पड़ी हो ? 

कड़वे प्रश्‍न यह भी

ऐसा प्रतीत होता है कि उनके मित्रों से ज्‍यादा संख्‍या दुश्‍मनों की है। नैनो सहित कई विकासात्‍मक परियोजनाओं के लाने के बावजूद उन्‍हें बुरा प्रशासक और बांटनेवाला नेता क्‍यों समझा जाता ?

पीएम उम्‍मीदवारी पर प्रतिक्रिया

किताब के पेज नंबर 162 पर इसका जिक्र है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले उनके पीएम के रुप में उम्‍मीदवारी पर आम प्रतिक्रियाएं क्‍या थी ?

ये हैं पीएम के रोल मॉडल

नरेंद्र मोदी ने बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री सुलतान को दिए इंटरव्यू में कहा स्वामी विवेकानंद, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और महात्मा गांधी को रोल मॉडल मानता हूं।


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