Move to Jagran APP

आखिरी गुहार को जनता जनार्दन ने कर दिया खारिज, हारने वाले में एनडीए और महागठबंधन के दिग्गज शामिल

Bihar chunav result 2020 बिहार विधानसभा के लिए चुनावी समर में कई बुजुर्ग नेता अपनी आखिरी कोशिश मानकर मैदान में उतरे थे लेकिन जनता ने इस बार उन्‍हें बीच मंझधार ही छोड़ दिया। ऐसे बदकिस्‍मत प्रत्‍याशियों में कुछ मंत्री भी शामिल हैं।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:17 AM (IST)
आखिरी गुहार को जनता जनार्दन ने कर दिया खारिज, हारने वाले में एनडीए और महागठबंधन के दिग्गज शामिल
मतदाताओं ने भी बुजुर्ग नेताओं से किया किनारा। जागरण

पटना [रमण शुक्ला]। 17वीं विधानसभा में पहुंचने की कई माननीय की मुराद पूरी नहीं हुई। सियासी जीवन के आखिरी चुनाव की गुहार को जनता जनार्दन ने खारिज कर दिया। मतदाताओं ने जिन माननीय की गुहार नहीं सुनी, उनमें एनडीए से लेकर महागठबंधन तक के नेताओं का नाम शुमार है। भाजपा में मुजफ्फरपुर के पूर्व विधायक और नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा और सुगौली के पूर्व विधायक रामचंद्र सहनी का नाम है।

loksabha election banner

टिकट कटने के बावजूद ताल ठोंकने वाले हुए धराशाई

पार्टी से टिकट कटने के बावजूद ताल ठोकने वाले बगहा से राघव शरण पांडेय और सिवान से व्यासदेव प्रसाद की मनुहार भी जनता ने नहीं सुनी। इसी तरह रक्सौल से विधायक अजय सिंह और अमनौर से विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा को नकार दिया। राजद में चकाई की पूर्व विधायक सावित्री देवी के साथ जनता ने ऐसा ही सलूक किया। पूर्व मंत्री रमई राम भी राजद के टिकट से बोचहा से लड़े और हर गए। जदयू के मंत्री कृष्णनन्दन प्रसाद वर्मा को जनता ने जहानाबाद से, विधायक महेश्वर यादव को गायघाट की जनता ने नकार दिया। मंत्री नरेंद्र नारायण यादव भी नहीं चल पाए।

उम्र के चौथे पड़ाव पर मतदाताओं ने छोड़ दिया बीच मंझधार

उम्रदराज उम्मीदवारों में पूर्व मंत्री रामेश्वर पासवान भी नहीं चल पाए। सिकंदरा सुरक्षित सीट पर निर्दलीय खड़े रामेश्वर पासवान की उम्र 79 वर्ष है। कांग्रेस की टिकट पर फुलपरास  सीट से प्रत्याशी बनाए गए 76 के कृपानाथ पाठक की भी जनता ने नहीं सुनी। अहम यह कि ज्यादातर गुहार लगाने वाले विधायक 70 पार के थे। आखिरी बार जिताने की गुहार लगाने के पीछे सभी के अपने-अपने दावे थे। अपना-अपना तर्क था। कोई क्षेत्र में विकास के अधूरे कामों को पूरा कराने का गुहार लगा रहा था तो किसी का तर्क था कि राजनीतिक संन्यास लेने से पहले पार्टी ने भरोसा किया। अब आपके चरणों में ताज है।

70 पार वाले ये रहे सफल

भाजपा छोड़कर किसी भी दल में चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है। 75 में चुनावी सियासत से सेवानिवृत्त के उम्र को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने आखरी चुनाव मानकर आरा से अमरेंद्र सिंह और  बड़हारा से राघवेंद्र सिंह, छपरा डॉ. सी एन गुप्ता जैसे कई नेताओं टिकट दिया था। इसमें अमरेंद्र, राघवेंद्र और डॉ. सीएन गुप्ता चुनाव जीत गए है। जदयू से 74 वर्षीय दिग्गज मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव की जनता ने सुन ली। बिजेंद्र को पांच वर्ष और सेवा का मौका दे दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.