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Bihar Election Result 2020: हार कर भी हार मानने को तैयार नहीं तेजस्वी, 17 सीटों को ले अब जाएंगे कोर्ट

Bihar Election Result 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में हार से परेशान तेजस्‍वी यादव अब कोर्ट जा रहे हैं। महागठबंधन में कम वोटों से हारी 17 सीटों की पहचान कर वहां के चुनाव परिणाम को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी चल रही है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 05:50 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 05:52 PM (IST)
Bihar Election Result 2020: हार कर भी हार मानने को तैयार नहीं तेजस्वी, 17 सीटों को ले अब जाएंगे कोर्ट
निर्वाचन आयोग के भवन, तेजस्‍वी यादव की फाइल तस्‍वीरें तथा कोर्ट की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, अरविंद शर्मा। Bihar Election Result 2020 विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में कम वोटों से हार तो दोनों तरफ हुई है, लेकिन मामूली अंतर से सत्ता से वंचित रह जाने के कारण महागठबंधन (Mahagathbandhan) को यह षड्यंत्र लग रहा है। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुकाबले 15 सीटों से पिछड़ जाने वाला विपक्ष अब कोर्ट जाने की तैयारी में है। तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कम अंतर से हारे महागठबंधन के प्रत्याशियों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर से मामले को अदालत में ले जाएं। आलाकमान से निर्देश के बाद राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस (Congress) एवं वामदलों (Left parties) के हारे हुए प्रत्याशियों ने ऐसी 17 सीटों पर तैयारी कर रखी है, जिनपर बहुत कम अंतर से हार हुई है।

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दोनों गठबंधनों में कम वोटों से हारने वाले प्रत्‍याशी

तेजस्वी का मानना है कि ऐसी सीटों पर उन्हें हार नहीं हुई है, बल्कि साजिश के तहत हराया गया है। मगर निर्वाचन आयोग (Election Commission) के आंकड़े बताते हैं कि कम वोटों के अंतर से हारने वाले प्रत्याशियों की संख्‍या दोनों ओर के लगभग बराबर है। तीन हजार से कम वोटों से कुल 35 प्रत्याशियों की हार हुई है। इनमें 17 महागठबंधन के हैं तो एनडीए के भी 18 हैं। हालांकि, एक हजार से कम वोटों से हारने वालों की संख्या महागठबंधन में ज्यादा है और एनडीए में कम। इस दायरे में एनडीए के कुल चार ही प्रत्याशी हैं, जबकि महागठबंधन के छह हैं।

तीन हजार से कम वोटों से हारी सीटों पर जाएंगे कोर्ट

अदालत जाने की तैयारी कर रहे महागठबंधन के घटक दलों ने तीन हजार से कम वोटों से हारने वाली सीटों पर ज्यादा फोकस किया है। नतीजे के दौरान ही आधी रात को आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा के साथ महागठबंधन के अन्य घटक दलों के प्रमुख नेताओं ने निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया था। दो दिन बाद तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि वे हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। कोर्ट जाएंगे। आरेजडी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि अदालत जाने के लिए वकीलों से राय ले ली गई है। प्रत्याशियों को अपने स्तर से ही अदालत में जाने का निर्देश दिया गया है। कागजात तैयार किए जा रहे हैं।

इन सीटों पर महागठबंधन की हुई करीबी हार

हिलसा में आरेजडी के शक्ति सिंह यादव की मात्र 12 वोट से हार हुई। बरबीघा में कांग्रेस के गजानन शाही की हार मात्र 113 वोटों से हुई। भोरे में माले के जीतेंद्र पासवान को 462 वोट, चकाई में आरेजडी की गायत्री देवी को अपनी परंपरागत सीट पर मात्र 581 वोटों से हार का समाना करना पड़ा। बछवाड़ा में भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के अवधेश कुमार भी मात्र 484 वोटों से हार गए। परबत्ता से आरजेडी आरेजडी के अविनाश कुमार को 1244 वोटों से पराजय मिली। सकरा में कांग्रेस के उमेश कुमार को 1537 वोटों से, परिहार में आरजेडी प्रत्याशी रितु जायसवाल को 1569 वोटों से और महिषी में आरेजेडी के गौतम कृष्ण को 1630 वोटों से हार मिली। झाझा में आरेजडी के राजेंद्र प्रसाद को 1679 वोटों से पराजय का सामना करना पड़ा। इसके अलावा तीन हजार से कम वोटों से हारने वालों में रानीगंज में आरजेडी के अविनाश मंगलम, टिकारी में कांग्रेस के सुमंत कुमार, बेलहर में आरजेडी के रामदेव राय, बहादुरपुर में आरजेडी के रमेश चौरसिया और हाजीपुर में आरेजडी के देवकुमार चौरसिया शामिल हैं।

कम वोटों से हारने वाले एनडीए में भी कम नहीं

मटिहानी में जेडीयू के बाहुबली बोगो सिंह को मात्र 333 वोटों से हार मिली। डेहरी में आरेजडी ने बीजेपी के सत्येंद्र नारायण को 464 वोटों से हरा दिया। कुढ़नी में बीजेपी के केदार गुप्ता 712 वोटों से हारे। बखरी में बीजेपी के रामशंकर पासवान की हार मात्र 777 वोटों से हुई। भागलपुर में बीजेपी के रोहित तिवारी भी मात्र 1113 वोटों से हार गए। कल्याणपुर में बीजपी के सचिंद्र प्रसाद 1193 वोटों से, किशनगंज में बीजपी की स्वीटी सिंह को मात्र 1381 वोटों से, सिमरी बख्तियारपुर में विकासशील इनसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी खुद मात्र 1767 वोटों से हार गए। राजापाकर में जेडीयू के महेंद्र राम को 1796 वोटों से, सिवान में बीजेपी के ओमप्रकाश यादव को मात्र 1973 वोटों से और महाराजगंज में जेडीयू के हेमनारायण राय को 1976 वोटों से पराजय का सामना करना पड़ा। रामगढ़ में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह ने भी कांटे की टक्कर में 189 वोटों से पीछे छोड दिया। तीन हजार से कम वोटों से हारने वाली सीटों में दरभंगा में जेडीयू के फराज फातमी, औरंगाबाद में बीजेपी के रामाधार सिंह, धौरिया में जेढीयू के मनीष कुमार, बाजपट्टी में जेडीयू की रंजू गीता, अलौली में जेडीयू की साधना देवी हैं।


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