बिहार के गया, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में खोले जाएंगे मॉडल डिग्री कॉलेज, 75% अटेंडेंस होगी अनिवार्य
बिहार में चालू वित्तीय वर्ष में गया पूर्णिया कटिहार और अररिया जिले में मॉडल डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने एक प्रेजेंटेशन तैयार किया है जिसे शिक्षा मंत्री के सामने जल्द ही प्रस्तुत किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, पटना : शिक्षा विभाग ने अब नई योजनाओं पर अमल की तैयारी तेज कर दी है। चालू वित्तीय वर्ष में गया, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जिले में मॉडल डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने एक प्रेजेंटेशन तैयार किया है जिसे शिक्षा मंत्री के सामने जल्द ही प्रस्तुत किया जाएगा। इन कॉलेजों पर 48 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मॉॅडल कॉलेजों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, कॉलेज परिसर में वाई-फाई सुविधा, ई-लर्निंग, इंडोर स्टेडियम, एथलेटिक ट्रैक, स्टूडेंट्स स्पोर्ट सोसायटी, अलग-अलग ऐक्टिविटी सेल, आधुनिक सुविधाओं से लैस ऑडिटोरियम और हेल्प डेस्क की सुविधा छात्रों के लिए दी जाएगी।
हर कॉलेज पर खर्च किए जाएंगे 12 करोड़ रुपये
राष्ट्रीय उच्चस्तर शिक्षा अभियान के तहत मॉडल कॉलेज स्थापित किया जाएगा। बजट में हर कॉलेज पर 12 करोड़ रुपये खर्च का प्राविधान है। इसमें कॉलेज के साथ ही हॉस्टल और कॉलेज स्टॉफ के लिए भवन बनना है। विद्यार्थियों के लिए मॉॅडल कॉलेजों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, कॉलेज परिसर में वाई-फाई सुविधा, ई-लर्निंग, इंडोर स्टेडियम, एथलेटिक ट्रैक, स्टूडेंट्स स्पोर्ट सोसायटी, अलग-अलग ऐक्टिविटी सेल, आधुनिक सुविधाओं से लैस ऑडिटोरियम और हेल्प डेस्क की सुविधा मिलेगी। इनके अलावा कैंटीन, पाॄकग, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, कम्प्यूटर और अन्य लैब को अपग्रेड किया जाएगा।
अच्छे शैक्षणिक रिकॉर्ड वाले शिक्षकों की होगी नियुक्ति
शिक्षा विभाग ने मॉडल कॉलेजों के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार इन कॉलेजों में केवल अच्छे शैक्षणिक रिकॉर्ड वाले शिक्षकों को ही रखा जाएगा। इसके लिए बाकायदा शिक्षकों की स्क्रीनिंग कर उनके परफॉरमेंस के हिसाब से ही उनकी नियुक्ति होगी। इन कॉलेजों में जिन शिक्षकों को पदस्थ किया जाएगा उनका तबादला कम से कम पांच साल तक नहीं होगा।
विषय के अनुसार होंगी सीटें
मॉडल कॉलेजों में विषयवार सीटों की संख्या निर्धारित होगी। इन कॉलेजों में छात्रों का प्रवेश मेरिट के आधार पर होगा। छात्र संख्या के हिसाब से ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। मॉडल कॉलेजों में 45 प्रतिशत से कम अंक वाले छात्रों को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फीसदी अनिवार्य रहेगी।