बिहार में बंपर बहाली: जल्दी भरे जाएंगे एक लाख और शिक्षकों के पद, सवा लाख पदों के लिए पहले से चल रही प्रक्रिया
Bumper Recruitment in Bihar बिहार के स्कूलों को इस साल मिलेंगे सवा दो लाख नए शिक्षक सवा लाख पदों के लिए पहले से चल रही बहाली प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों की तैयारी में सरकार इस साल एक लाख शिक्षकों की बहाली होगी
पटना, राज्य ब्यूरो। Bumper Recruitment in Bihar: कोरोना महामारी से शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने की बड़ी सीख दी है। सरकार अब बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल टीचिंग और लर्निंग को महत्व देते हुए दूरगामी असर पैदा करने वाली योजनाओं को आकार देने में जुटी है। इसकी झलक आगामी बजट में दिखेगी। पढ़ाई पूरी करने के बाद युवाओं को रोजगार मिले या स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनें, ऐसी शिक्षा व्यवस्था में सरकार जुटी है। बेरोजगारी पर काबू पाने के लिए सरकार अब रोजगार सृजन वाली शिक्षा के नये दौर में प्रदेश के युवाओं को ले जाने के प्रयास में है।
क्वालिटी एजुकेशन के लिए रोडमैप
राज्य के 71 हजार प्रारंभिक विद्यालयों और साढ़े आठ हजार से ज्यादा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आधारभूत संरचना खड़ी हो चुकी है। सवा लाख शिक्षकों की बहाली चल रही है और नए साल में भी प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों में खाली पदों पर करीब एक लाख से ज्यादा नियुक्तियों की तैयारी चल रही है। इसी तरह सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर शिक्षकों की भरने की प्रक्रिया जारी है।
सकल नामांकन अनुपात को भी बढ़ाने की तैयारी
इसी के साथ सरकार ने मौजूदा सकल नामांकन अनुपात 25 प्रतिशत को बढ़ा कर अगले पांच वर्षों में 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया है। शिक्षा में गुणवत्ता की बहाली और राष्ट्रीय मानकों के अनुरुप शिक्षण संस्थानों को लाने के लिए सरकार ने पांच वर्षों का रोडमैप भी तैयार किया है। इस पर अमल इसी वर्ष से होना है। पिछले एक दशक में सुधार के लिए जो आपरेशन हुए हैं, उनके परिणाम अब दिखने लगे हैं। आनेवाले वर्षों स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे कड़े कदम बिहार को सचमुच का शिक्षित बनाने की राह प्रशस्त करेंगे।
डिजिटल डिवाइस से पढ़ेंगे बच्चे
मौजूदा समय में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को डिजिटल डिवाइस से पढ़ाने की सुविधा नहीं है। आने वाले समय में सरकार बच्चों को डिजिटल डिवाइस से पढ़ाई कराने की सुविधा देने जा रही है। इसका भी प्लान शिक्षा विभाग ने बजट को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। खास बात यह कि प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय खोलने, नामांकन में बढ़ोत्तरी करने, कक्षाओं की संख्या बढ़ाने, स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को नियमित करने के साथ ही लड़के और लड़कियों के बीच शिक्षा के अंतर को कम करने के लिए ठोस उपाय किए गए हैं। इससे बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है और उन्हें पढऩे-लिखने का बेहतर माहौल मिला है।
रोजगारपरक शिक्षा प्राथमिकता में
युवाओं को रोजगार दिलाने वाली शिक्षा के लिए बिहार में कई तरह के प्रयोग शुरू हुए हैं। माध्यमिक विद्यालयों में वोकेशनल और टेक्निकल कोर्स की शुरुआत हो चुकी है। प्रत्येक जिले में जीएनएम स्कूल, पैरा मेडिकल इंस्टीट्यट, पालिटेक्निक, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना हुई है। प्रत्येक अनुमंडल में आइटीआइ स्थापित किए गए हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की स्थापना हो रही है। व्यावसायिक, तकनीकी एवं उच्च शिक्षा के लिए युवाओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ दिया जा रहा है। इससे गरीब और मध्य वर्ग के युवाओं को इच्छानुकूल शिक्षा की राह आसान होने लगी है।