बिहार: निरीक्षण के दौरान छपरा के अस्पताल में नदारद मिले डॉक्टर, सफाई व भोजन की बदहाली भी उजागर
बिहार के छपरा सदर अस्पताल का सोमवार को जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान करीब एक दर्जन डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी अनुपस्थित मिले। उन्होंने अस्पताल की सफाई व भोजन की बदहाली को भी देखा तथा मरीजों से बात की।
सारण, जेएनएन। सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सोमवार को सदर अस्पताल के ओपीडी सहित सभी वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने करीब दो घंटे तक सदर अस्पताल के एक-एक वार्ड का निरीक्षण कर दिशानिर्देश दिए। निरीक्षण के क्रम में करीब एक दर्जन चिकित्सक एवं कर्मी अनुपस्थित पाए गए। डीएम ने साफ-सफाई एवं मेस की बदहाल स्थिति देख संबंधित एजेंसी को फटकार लगाई।
जिलाधिकारी सबसे पहले सदर अस्पताल के ओपीडी पहुंचे, जहां उनके द्वारा अस्पताल के ड्यूटी रजिस्टर को जब्त किया गया। इस दौरान जांच के क्रम में करीब एक दर्जन चिकित्सक एवं कर्मी अनुपस्थित पाए गए हैं। इसपर संज्ञान लेते हुए ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों के एक दिन की हाजिरी काटते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने का निर्देश दिया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में साफ सफाई एवं अन्य व्यवस्थाएं पहले से बेहतर हुई है, लेकिन अभी भी सुधार की आवश्यकता है। जिसके लिए अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया गया है।
साफ-सफाई एवं मेस की स्थिति देख एजेंसी को लगाई फटकार
जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर घूम कर साफ-सफाई की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान स्वास्थ्य समिति से अनुबंधित एजेंसी को जमकर फटकार लगाई। वहीं मरीजों को दिए जाने वाले भोजन के निरीक्षण के लिए मेस पहुंचे, जहां की व्यवस्था देख कर वे काफी नाराज हुए। उन्होंने एजेंसी को व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगर अगले निरीक्षण से पूर्व व्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो उनके द्वारा एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।
निर्माणाधीन सिटी स्कैन सेंटर का किया निरीक्षण
सदर अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी निर्माणाधीन सिटी स्कैन सेंटर पहुंचे, जहां उनके द्वारा कार्य में तेजी लाने का निर्देश देते हुए शीघ्रताशीघ्र सिटी स्कैन सेंटर को चालू किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अन्य जिला अस्पतालों में यह सुविधा चालू कर दी गई है। इसलिए 1 महीने के अंदर यहां भी सिटी स्कैन की सुविधा बहाल की जाए। ताकि सिटी स्कैन करवाने के लिए मरीजों को रेफर किये जाने की जरूरत नहीं पड़े।
डिजिटल अल्ट्रासाउंड के लिए कम मरीज देख जताई नाराजगी
निरीक्षण के क्रम में उनके द्वारा डिजिटल अल्ट्रासाउंड सेंटर का भी निरीक्षण कर वहां मौजूद चिकित्सक के द्वारा जानकारी हासिल की गई। निरीक्षण के क्रम में यह बात सामने आई कि वहां प्रतिदिन 6 से 10 मरीजों का ही डिजिटल अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि डिजिटल अल्ट्रासाउंड किए जाने की संख्या काफी कम है, जबकि अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में डिजिटल अल्ट्रासाउंड की संख्या भी निश्चित बढ़नी चाहिए। इसके लिए उनके द्वारा ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
एसएनसीयू वार्ड एवं आईसीयू वार्ड में भी भर्ती मिले मिले
जिलाधिकारी द्वारा सदर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान एसएनसीयू वार्ड का भी जायजा लिया गया। इस दौरान उन्हें जानकारी दी गई कि एसएनसीयू वार्ड में 8 से 10 बच्चे भर्ती हैं। इस दौरान उन्होंने एसएनसीयू वार्ड में मौजूद एएनएम से वार्ड के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। जिसके बाद वह आईसीयू वार्ड पहुंचे, जहां 2 मरीज भर्ती पाए गए। इस दौरान उन्होंने एक मरीज के परिजनों से उपचार के विषय में बातचीत की। जिसके बाद उन्होंने एसएनसीयू और आईसीयू वार्ड के निरीक्षण पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आईसीयू में एक और मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति की जाए। जिससे कि व्यवस्था में और भी सुधार हो।
शिकायत पर आश्रय स्थल का निरीक्षण कर दिया निर्देश
एसएनसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने आश्रय स्थल का निरीक्षण कर वहां की केयरटेकर से जानकारी हासिल की। इस दौरान उन्होंने मरीजों के परिजनों के वहां रुकने पर वसूली के विषय में जानकारी प्राप्त की। केयरटेकर ने बताया कि वहां रुकने वाले किसी व्यक्ति से पैसे की वसूली नहीं की जाती है।
इमरजेंसी वार्ड एवं शौचालय का भी किया निरीक्षण
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के क्रम में इमरजेंसी वार्ड एवं वार्ड के कमरों के साथ शौचालय का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इमरजेंसी वार्ड के शौचालय को हमेशा साफ और स्वच्छ रखा जाए। इसके लिए अस्पताल मैनेजर को उन्होंने निर्देश दिया कि वार्ड के शौचालय को हर हाल में साफ और स्वच्छ रखना उनकी जवाबदेही है। प्रतिवर्ष वह वह मेंटेनेंस करवाते रहेंगे।
मरीज ने की शिकायत
अस्पताल के निरीक्षण के दौरान एक मरीज ने जिलाधिकारी से शिकायत किया कि 2 रुपये की पर्ची कटवाने के लिए कर्मियों द्वारा 5 रुपए लिए जा रहे हैं। इसके बाद डीएम ने अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिया कि अस्पताल में हर हाल में अवैध वसूली को रोका जाए। उन्होंने कहा कि बात 3 रुपए की नहीं है। तीन रुपए की अवैध वसूली 300 और 3000 भी हो सकती है।