इंडिगो एयरलाइंस मैनेजर रूपेश की हत्या में पटना से हुई दूसरी गिरफ्तारी, कांड में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद
Bihar Crime पटना एयरपोर्ट पर पदस्थापित इंडिगो एयरलांइेस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या में पटना से 12 जनवरी को कर दी गई थी। इस घटना का मुख्य आरोपित पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब कांड में दूसरी गिरफ्तारी हुई है।
पटना, जागरण संवाददाता। Indigo Manager Rupesh Singh Murder Case बीते 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर पदस्थापित इंडिगो एंयरलाइंस (Indigo Airlines) के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह (Rupesh Singh) की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार रोड रेज (Road Rage) के बाद एक युवक ने काफी समय बाद अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। घटना में शामिल मुख्य आरोपित ऋतुराज (Rituraj) को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उसके एक अन्य सहयोगी रहे सौरव कुमार (Saurav Kumar) उर्फ पवन उर्फ खरहवा को भी पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के बाद गुरुवार को उसे जेल भेजा जाएगा। शेष दो की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। हत्या में प्रयुक्त हथियार और बाइक को भी बरामद कर लिया गया है।
12 जनवरी को पटना में हुई थी हत्या
पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि 12 जनवरी को पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट के गेट पर रूपेश सिंह को अपराधियों ने गोलियों से भून डाला था। इस मामले में पटना पुलिस तकनीकी अनुसंधान कर वास्तविक अपराधियों तक पहुंची है। बाइक से रूपेश सिंह की गाड़ी से ओवरटेक करने में हुए वाद-विवाद और रूपेश सिंह द्वारा तमाचा जड़े जाने के बाद से ही ऋतुराज ने सबक सिखाने की ठान ली थी। शुरू में उसकी हत्या की योजना नहीं थी, लेकिन बाद में सौरव के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
कांड का दूसरा आरोपित गिरफ्तार
एसएसपी के अनुसार वारदात को चार लोगों ने मिलकर अंजाम दिया। इनमें दो, ऋतुराज व सौरव को गिरफ्तार कर लिया गया है। सौरव ने अपनी संलिप्तता भी स्वीकार कर ली है। उसके पास से वारदात में प्रयुक्त पल्सर बाइक हथियार व पांच कारतूस भी बरामद किए गए हैं। अब इस हथियार को पुलिस वैज्ञानिक जांच के लिए एफएसएल भेजेगी। सौरव के घर से तीन खोखे व तीन सिमकार्ड भी बरामद किए गए हैं।
पटना से दिल्ली भाग गया था सौरव
एसएसपी ने बताया कि वारदात के बाद से ही पुलिस सौरव के पीछे लगी हुई थी। सौरव कुम्हरार स्थित अपने घर पर ही रहा था। ऋतुराज की गिरफ्तारी के बाद वह अपने बहन के घर कंकड़बाग चला गया था। इसके बाद वह बड़हिया, नौबतपुर, लखीसराय व मानपुर में चाचा के घर में भी जाकर छिपा रहा। जब पुलिस को इन जगहों का पता लगा तो वह भागकर वाराणसी और फिर वहां से दिल्ली चला गया था। दिल्ली से वह मंगलवार को लौटा। इसकी भनक पुलिस को लगते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।