Move to Jagran APP

बिहारः मालिक पर हमला होते देख 'मैक्स' ने किया मालकिन को इशारा, जंजीर खुलते ही सबों पर पड़ा भारी

फिल्म तेरी मेहरबानियां के मोती की यादें नालंदा में ताजा हो गईं। अपने मालिक रोहित कुमार सिंह की जान बचाकर आठ महीने का मैक्स ने सभी का चहेता बन गया है। कारखाने की आवासीय कॉलोनी में पटना से खरीदे गए मैक्स की खूब तारीफ हो रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 08:17 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 08:17 PM (IST)
बिहारः मालिक पर हमला होते देख 'मैक्स' ने किया मालकिन को इशारा, जंजीर खुलते ही सबों पर पड़ा भारी
मालिक की जान बचाने वाला कुत्ता मैक्स। जागरण।

संवाद सहयोगी, हरनौत (नालन्दा)। 36 साल पहले 1985 में आई हिंदी फिल्म 'तेरी मेहरबानियां' के मोती की यादें नालंदा में ताजा हो गईं। सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना के जिस लेब्राडोर नस्ल के वफादार कुत्ते की चर्चा हो रही है, उसका नाम मैक्स है। अपने मालिक रोहित कुमार सिंह की जान बचाकर आठ महीने का मैक्स ने सभी का चहेता बन गया है। कारखाने की आवासीय कॉलोनी में पटना से खरीदे गए मैक्स की खूब तारीफ हो रही है।

loksabha election banner

मालिक को पिटते देख हुआ आक्रमामक

दरअसल, गुरुवार सुबह कारखाना के एक कर्मी की सोनपुर रेलवे अस्पताल में कोरोना से मौत की खबर मिलते ही कामगारों ने उग्र होकर प्रबंधक रोहित कुमार सिंह के आवास पर हमला कर दिया था। उनके साथ हाथापाई होते देख मैक्स से नहीं रहा गया। वह जंजीर में बंधे हुए उछल-उछल कर आक्रामक तरीके से भौंकने लगा।प्रबंधक की पत्नी ने भी हमलावर कामगारों का प्रतिकार किया पर कामगारों ने हमला जारी रखा। 

जंजीर खुलते ही बदल गया माजरा

इधर, मैक्स यह चाह रहा था कि उसे खोल दिया जाता तो वह हमलावरों को देख लेता। इसलिए कभी वह मालिक की सुरक्षा के लिए कामगारों पर भौंकता। साथ ही मालकिन की तरफ भी भौंक कर जंजीर खोलने का इशारा करता। अन्ततः विवश होकर प्रबंधक की पत्नी ने हालात को समझा और मैक्स का इशारा समझ जंजीर खोल दी। जंजीर खुलते मैक्स और आक्रामक हो गया और हमलावर कामगारों को भागने को मजबूर कर दिया। इस तरह मैक्स ने अपने स्वामी की जान बचा ली। 

चार ज्ञात व सौ अज्ञात पर केस

कारखाना में प्रबंधक के साथ मारपीट के मामले में चार नामजद एवं एक सौ अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कामगार दिलीप कुमार, पंकज कुमार, धीरज कुमार एवं रामजी प्रसाद को अभियुक्त बनाया गया है। मुख्य कारखाना प्रबंधक दिलीप कुमार ने बताया कि सप्ताह भर से बीमार टेक्नीशियन सत्यजीत कुमार की कोरोना से मौत की सूचना मिली थी। उनके इलाज की पूरी व्यवस्था कराई गई थी। लेकिन बचाया नहीं जा सका।

मौत की खबर सुन कर्मियों के एक गुट ने अधिकारियों पर हमला किया।  कार्यालय के एलसीडी, फर्नीचर एवं खिड़कियां तोड़ डालीं। दस्तावेज नष्ट कर दिए। इसीआरकेयू के शाखा सचिव पूर्णानन्द मिश्र ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और कहा कि कोरोना से बचाव करते हुए कारखाना में काम करने एवं मृतक के आश्रित को मदद करने की बात पर वर्चुअल मीटिंग चल ही रही थी कि प्रबंधक के साथ मारपीट की खबर मिली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.