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बिहारः जमुई के बंदोबस्त पदाधिकारी पर बक्सर में हमला, गंभीर हालत में पटना रेफर

जमुई में बतौर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी कार्यरत बासुकीनाथ श्रीवास्तव को भूमि विवाद के मामले में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव गांव में दबंगों ने पीट दिया। गंभीर हालत में उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 04:42 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 04:42 PM (IST)
बिहारः जमुई के बंदोबस्त पदाधिकारी पर बक्सर में हमला, गंभीर हालत में पटना रेफर
अस्पताल में इलाजरत सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी बासुकीनाथ श्रीवास्तव।

जागरण संवाददाता, बक्सर: बिहिया के पूर्व अंचलाधिकारी तथा वर्तमान में जमुई में बतौर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी कार्यरत बासुकीनाथ श्रीवास्तव को भूमि विवाद में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव गांव में दबंगों ने पीट दिया। गंभीर हालत में उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है। पारस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। मुफस्सिल थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि वारदात आपसी जमीनी विवाद को लेकर हुई है। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। 

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मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव गांव का है, जहां स्थानीय निवासी तथा जमुई के सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी तथा उनके एक रिश्तेदार के पुत्र को स्थानीय दबंगों ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर घायल कर दिया। घायल अवस्था में दोनों को सदर अस्पताल में पहुंचाया गया जहां बासुकीनाथ श्रीवास्तव की खराब हालत को देखते हुए उन्हें पटना रेफर कर दिया गया है। घटना सोमवार की है, लेकिन मामला मीडिया में तब पहुंचा जब होश में आने के बाद अधिकारी ने मीडियाको इसकी जानकारी दी। पुलिस को दिए अपने फर्द बयान में घायल सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि स्थानीय समाहरणालय रोड में उनका अपना मकान है। एक रिश्तेदार के पुत्र विवेक कुमार भी उनके साथ रहते हैं। उन्हीं के साथ वह अपने गांव नदांव गए थे, जहां उन्होंने खेतों में लगी जौ की फसल को कटवाना शुरू किया। इसी बीच स्थानीय निवासी रामजी सिंह अपने पुत्र सुनील सिंह तथा सत्यनारायण सिंह के साथ पहुंच गए तथा उनके साथ मारपीट करने लगे। सभी ने मिलकर उन्हें तथा उनके रिश्तेदार के पुत्र को जमकर मारा-पीटा जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए। बाद में स्थानीय निवासियों की मदद से उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया गया। उधर, इस घटना को पुलिस कितने हल्के में ले रही है इसका प्रमाण उस वक्त मिल गया जब एसडीपीओ गोरख राम से मामले के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के मामले की जानकारी ही नहीं है। 


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