Bihar Crime News: भोजपुर में नौ महीने में हुए कुल 82 कत्ल, चुनाव के पहले बढ़ा हत्या का ग्राफ
भोजपुर जिले में नौ महीने के अंदर ही 82 कत्ल हो गए हैं। लाॅकडाउन के शुरुआत दो महीने मार्च और अप्रैल महीने का सारा रिकॉर्ड आनलाॅक में टूट गया है। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद से अपराध में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
आरा, जेएनएन: भोजपुर जिले में चुनाव से पहले हत्या का ग्राफ बेकाबू हो गया है। हर एक-दो दिन पर हत्या की वारदातें घटित हो रही है। नौ महीने के अंदर ही 82 कत्ल हो गए हैं। आलम यह है कि लाॅकडाउन के शुरुआत दो महीने मार्च और अप्रैल महीने का सारा रिकॉर्ड आनलाॅक में टूट गया है। यह हम नहीं बल्कि भोजपुर जिले में प्रतिवेदित आंकड़े बयां कर रहे हैं। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद से अपराध में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही हैं। आनलाॅक में हर माह हत्या का आंकड़ा डबल डिजिट में पहुंच गया है । जबकि, लाॅकडाउन में हत्या का आंकड़ा सिंगिल डिजिट में था।
आधे से अधिक वारदातों में अभी तक अपराधी सलाखों के बाहर
आधे से अधिक वारदातों में अभी तक अपराधी सलाखों के बाहर है। हालांकि, एसपी हर किशोर राय ने गंभीर कांडों में फरार अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। बावजूद गोलीबारी और हत्या की बढ़ती घटनाओं से अंदर ही अंदर कई इलाकों में नए सिरे से तनाव गहरा गया है। प्रॉपर्टी डीलर, दुकानदार, कोचिंग संचालक से लेकर नेता तक को अपराधियों ने गोलियों का निशाना बनाया है।
सरकारी आंकड़े के अनुसार, मई व जून महीने में सर्वाधिक हत्याएं
अगर आंकड़े पर गौर करें तो महज नौ महीने के अंदर हत्या की करीब 82 घटनाएं घटित हुई है। हालांकि, मार्च और अप्रैल महीने में कम हुई थीं। सरकारी आंकड़े के अनुसार जनवरी महीने में 10 और फरवरी महीने में हत्या की 13 घटनाएं घटित हुई थी। हालांकि, मार्च में चार हत्या और अप्रैल में केवल पांच घटनाएं घटित हुई थी। लाॅकडाउन फोर यानी मई महीने में हत्या की करीब ग्यारह घटनाएं घटित हुई थी। मार्च और अप्रैल महीने के अपेक्षा मई में हत्या का ग्राफ सीधे तीन गुना बढ़ गया था। इधर, जून में 12, जुलाई महीने में 10 तथा अगस्त महीने में भी हत्या की करीब आठ घटनाएं घटित हुई थी। इसके पीछे अनलॉक में छूट माना जा रहा है।
व्यवसायी से लेकर नेता तक अपराधियों के निशाने पर
भोजपुर जिले में विगत सितंबर महीने में करीब 30 दिनों के अंदर करीब 15 दिनों तक गोलियां चली है। इसमें करीब 31 लोग गोलियों का निशाना बने हैं। इसमें प्रॉपर्टी डीलर, दुकानदार, कोचिंग संचालक से लेकर नेता तक को अपराधियों ने गोलियों का निशाना बनाया है। 27 सितंबर को नवादा थाना क्षेत्र के जगदेवनगर नगर में घटित प्रॉपर्टी डीलर मिथुन की हत्या व जदयू नेता प्रिंस सिंह बजरंगी को गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना में अभी तक नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 24 सितंबर को बड़हरा थाना क्षेत्र अन्तर्गत आरा-बड़हरा मुख्य मार्ग पर बिराहीपुर गांव के समीप कोचिंग संचालक की हत्या के मामले में भी अपराधी चिह्नित नहीं हो सके हैं।
हत्या की घटनाओं पर एक नजर
महीना संख्या
जनवरी - 10
फरवरी - 13
मार्च- 04
अप्रैल- 05
मई - 11
जून - 12
जुलाई -10
अगस्त -08
सितंबर -09