Bihar Crime: बिहार में हो रहे वारदात पर वारदात, बड़ा सवाल यह कि आखिर कहां से आ रहे हथियार?
Bihar Crime स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार बिहार में एक दशक में 24677 अवैध हथियार बरामद किए गए। मिनी गन फैक्ट्रियाें का भंडाफोड़ हुआ। इसके बावजूद हथियार तस्करी जारी है। वारदात पर वारदात भी हो रहे हैं।
पटना, आशीष शुक्ल। बिहार में वारदात पर वारदात हो रहे हैं। पुलिस केस दर्ज कर रही है और आरोपितों को दबोच भी रही है, लेकिन अपराधियों के पास हथियार कहां से पहुंच रहे हैं, इसकी गुत्थी उलझती ही रह जा रही है। इसका फायदा आर्म्स तस्कर उठा रहे हैं। अपराधियों से लेकर युवाओं तक को चाकू से अधिक आसानी से तमंचा व पिस्टल मिल जा रहे हैं। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले 10 वर्षों में 24 हजार 677 अवैध हथियार बरामद हुए। जबकि, एक लाख 22 हजार से अधिक जिंदा कारतूस भी मिले। बम से लेकर मिनी गन फैक्ट्री तक का भंडाफोड़ भी हुआ। इसके बावजूद तस्करी कम नहीं हुई।
गन फैक्ट्री मिलती है, पर तस्करों का चेन नहीं तोड़ पाती पुलिस
सितंबर में एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने पटना के खुसरूपुर के हरदासबीघा स्थित इशोपुर गांव में चापाकल बनाने वाली फैक्ट्री में दबिश दी। वहां चापाकल की आड़ में अवैध हथियार बन रहे थे। वहां से 21 अर्धनिर्मित पिस्टल बरामद हुए। मुंगेर के चार कारीगर भी गिरफ्तार हुए। मिनी गन फैक्ट्री और कारीगर पकड़े गए, यहां से हथियार की सप्लाई कहां होनी थी? किस गिरोह की मांग पर हथियार तैयार किए जा रहे थे? कब से यह धंधा चल रहा था? पिस्टल को अंतिम रूप कहां दिया जा रहा था? तस्करों का सरगना कौन है? दूसरे राज्यों से क्या कनेक्शन है? ऐसे कई बिंदुओं पर जांच होनी थी, लेकिन फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने के बाद आगे की जांच वहीं बंद हो गई। इस तरह के एक नहीं कई मामले हैं, जिनमें पुलिस हथियार तस्करों तक नहीं पहुंच पाती है। इसी साल 20 सितंबर को मीठापुर बस स्टैंड के पास आठ देशी पिस्टल और 16 मैग्जीन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। तीनों सिर्फ हथियार पहुंचाने जा रहे थे। 14 सितंबर को खगडि़या में पटना के एक युवक को 11 सौ कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था।
बम बरामदगी का गिरता गया ग्राफ
बम बरामदगी का ग्राफ गिरते गया। वर्ष 2011 से अगस्त 2020 तक बिहार में कुल 1614 बम मिले। वर्ष 2011 में 246 बम मिले, जबकि 2020 अगस्त तक सिर्फ 84 बमों की बरामदगी हो सकी।
बड़ी वारदातें
- अक्टूबर 2015 में कोतवाली थाना क्षेत्र में गश्ती पर निकले फुलवारी के तत्कालीन एएसपी और उनके बॉडीगार्ड पर फायरिंग कर दी गई थी। कोतवाली पुलिस ने मामले में आरोपित अमित और रोहित को गिरफ्तार किया। इनके पास से अवैध पिस्टल बरामद हुआ, जिसे वह किसी साथी से खरीदे थे। दोनों छात्र थे और बाइकर्स गैंग के सदस्य भी थे।
- 15 जुलाई 2019 बुद्धा कॉलोनी में सैप जवान के बेटे ने पिस्टल से खुद को गोली मार ली। मृतक छात्र था। बरामद पिस्टल भी अवैध था। लेकिन उसे पिस्टल कहां से मिला, इसकी जांच पुलिस नहीं कर सकी।
- जनवरी 2018 में शास्त्रीनगर में 12वीं के छात्र ने खुद को गोली मार ली। घटना में इस्तेमाल पिस्टल अवैध निकला।
वर्ष तमंचा/पिस्टल कारतूस गन फैक्ट्री
2011 1838 12529 49
2012 2227 14060 40
2013 1981 13403 26
2014 2243 10887 52
2015 2356 9449 40
2016 2409 12492 22
2017 2623 12537 46
2018 3155 13492 13
2019 3379 16629 20
2020 2456 6685 14
(नोट: 2020 के आंकड़े अगस्त तक के)