Move to Jagran APP

Bihar Covid Update: कोविड की तीसरी लहर से बच्चों को बचाना है तो माता-पिता करें जिम्मेदारपूर्ण व्यवहार

यूनिसेफ बिहार ने बच्चों पर कोविड के प्रभाव पर मीडिया के साथ ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया। बिहार चीफ नफीस बिंते शफीक ने कहा कि डर से लडऩे और सही जानकारी के साथ उम्मीद जगाने में मीडिया की भूमिका अहम है। बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर विस्‍तृत चर्चा हुई।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 10:52 AM (IST)
Bihar Covid Update: कोविड की तीसरी लहर से बच्चों को बचाना है तो माता-पिता करें जिम्मेदारपूर्ण व्यवहार
कोविड से बच्‍चों के बचाव के लिए बड़े बनें जिम्‍मेदार, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बच्चों की रक्षा करनी है, तो बड़ों को जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार करने और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार को ग्राम पंचायतों की मदद से निगरानी में तेजी लाने और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है। पूरी सतर्कता और सावधानी के साथ तीसरी लहर के प्रभाव को कम किया जा सकता है। ये बातें प्रसिद्ध शिशु रोग चिकित्सक और भारतीय शिशु रोग अकादमी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. निगम प्रकाश ने ने यूनिसेफ बिहार द्वारा मीडियाकर्मियों के साथ आयोजित एक ऑनलाइन परिचर्चा के दौरान कहीं।

loksabha election banner

  उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है कि हर महामारी में कई चरण होते हैं और यह कोविड-19 पर भी लागू होता है। आइसीएमआर द्वारा किए गए तीन सीरो सर्वे के अनुसार, पहले, दूसरे और तीसरे सर्वेक्षण के दौरान 18 वर्ष से कम उम्र के 5, 12 और 40 प्रतिशत बच्चे क्रमश: कोरोना संक्रमित पाए गए। ऐसे सभी बच्चों ने बाद में एंटी-बॉडी विकसित कर ली। परंतु शेष 33 प्रतिशत बच्चों में ऐसी कोई एंटीबॉडी नहीं है, क्योंकि वे ना तो संक्रमित हुए और ना ही उनका टीकाकरण हुआ है। ऐसे में इन बच्चों के गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है।

: यूनिसेफ ने की तकनीकी व चिकित्सा उपकरण की मदद :

यूनिसेफ बिहार की प्रमुख नफीसा ङ्क्षबते शफीक ने  कहा कि बाल चिकित्सा कार्य योजना विकसित करने के लिए यूनिसेफ सरकार के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इस क्षेत्र में तकनीकी सहायता के अलावा यूनिसेफ ने बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरण/सुविधाएं जैसे 18 आरटी-पीसीआर सिस्टम, सात लाख ट्रिपल लेयर मास्क, विभिन्न प्रकार की कोल्ड चेन किट, डीप फ्रीजर आदि की आपूर्ति की है। आने वाले दिनों में 400 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 10 आरटी- पीसीआर सिस्टम, 100 हाई फ्लो नेजल कैनुला और सिविल वर्क  वाले पांच ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट भी सप्लाई किए जाएंगे।

 यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिद्धार्थ रेड्डी ने कहा कि 25 मई तक बिहार में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर 0़6 फीसद रही है। इसे और कम किए जाने की जरूरत है।

: संक्रमित मां बच्चों को कराएं स्तनपान :

विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए यूनिसेफ बिहार की पोषण अधिकारी डॉ. शिवानी डार ने कहा कि कोविड-19 संक्रमित माताओं को स्तनपान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मां के दूध में संक्रमण से लडऩे के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और इसे पहला टीका भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि माताओं को परामर्श देने की आवश्यकता है कि स्तनपान के लाभ संभावित जोखिमों से काफी अधिक हैं। कार्यक्रम का संचालन यूनिसेफ बिहार की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.