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Bihar Covid News: मासूम था कोरोना वायरस, लैब में बनाया गया खतरनाक, पटना के डॉक्‍टरों की सुनकर हैरान रह जाएंगे आप

पटना के डॉक्‍टरों ने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान छात्रों को कई वायरस के बारे में पढ़ाया जाता है। इनमें एक कोरोना वायरस है। पढ़ाई के दौरान छात्रों को स्पष्ट बताया जाता है कि कोरोना वायरस मासूम है। पढि़ए कैसे बना खतरनाक।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 08:24 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 12:59 PM (IST)
Bihar Covid News: मासूम था कोरोना वायरस, लैब में बनाया गया खतरनाक, पटना के डॉक्‍टरों की सुनकर हैरान रह जाएंगे आप
कोरोना वायरस था मासूम, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, जागरण संवाददाता। एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान छात्रों को कई वायरस के बारे में पढ़ाया जाता है। इनमें एक कोरोना वायरस है। पढ़ाई के दौरान छात्रों को स्पष्ट बताया जाता है कि कोरोना वायरस मासूम है। यह केवल कॉमन कफ-कोल्ड बांटता है। यह कोई जानलेवा नहीं है। चीन ने इसे अपनी लैब में विकसित कर खतरनाक बनाया है। लैब में काफी मैनिपुलेट कर इसे घातक कर दिया गया है। ये बातें पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जान रही है कि चाइना ने अपनी लैब में विकसित वायरस पूरे विश्व में बांट दिया। चीन पहले प्रभावित हुआ, लेकिन वह तुरंत एंटीडोट तैयार कर मजबूत बन गया। वह पूरे विश्व को पिछलग्गू बनाने पर तुला है। विश्व स्तर पर चाइना का बहिष्कार होना चाहिए।

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वुहान की लैब में बनाया गया खतरनाक

 आइजीआइएमएस के पूर्व प्राचार्य व बायोकेमेस्ट्री विशेषज्ञ डॉ. उदय कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस को लगातार म्यूटेंट कराया जा रहा है। जबकि, यह वायरस आरंभ से ही है। अब तक खतरनाक नहीं हुआ था। इसे वुहान की लैब में खतरनाक कर दिया गया। आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. नम्रता कुमारी ने बताया कि कोरोना वायरस अमूमन खतरनाक नहीं है। लेकिन, म्यूटेशन के कारण यह खतरनाक हो गया है।

दस मरीज कम होते ही कोरोना मुक्त होगा एनएमसीएच

पटना के कोविड अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में कोरोना मरीज की संख्या घटकर 90 से नीचे आ गई है। यह संख्या 80 पहुंचते ही सभी मरीजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थित मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल में शिफ्ट करके एनएमसीएच को कोरोना मुक्त कर दिया जाएगा। यहां सभी तरह के मरीजों का इमरीजेंसी, ओटी और ओपीडी में इलाज पहले की तरह शुरू हो जाएगा। अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने  बताया कि व्यवस्था में यह परिवर्तन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग से पहले मंजूरी ली जाएगी। इजाजत मिलते ही हर दिन एनएमसीएच आने वाले लगभग दो हजार मरीजों को यहां की चिकित्सा व्यवस्था का लाभ मिलने लगेगा।

ये कर रहें कोविड मरीजों की सेवा

अस्पताल कार्यालय के अनुसार एनएमसीएच में क्लीनिकल साइड में 136 और नॉन क्लीनिकल साइड में 95 सीनियर डॉक्टर कार्यरत हैं। सीनियर रेजिडेंट और मेडिकल ऑफिसर 139, पीजी छात्र 226, जांच कार्य में 27 डॉक्टर, एमबीबीएस छात्र 99, नव नियुक्त जूनियर रेजिडेंट 25 कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त 479 नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ 52, चतुर्थ वर्गीय स्टाफ 113, वार्ड ब्वॉय 200, हाउस कीङ्क्षपग स्टॉफ 425 सेवारत हैं। निजी सुरक्षा कर्मियों की संख्या दो सौ से अधिक है। यह सभी कोरोना के भर्ती 125 मरीजों की सेवा में लगे हैं।


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