वाह रे बच्चा... तू कैदी है या क्या? कोर्ट परिसर में ही लगा लिया दरबार
संतोष झा की कोर्ट परिसर में हत्या के बाद बिहार में कोर्ट परिसर चर्चा में हैं। अब कोर्ट में पेशी के दौरान टॉपर्स घोटाले के आरोपी बच्चा राय ने दरबार सजाया है, इसकी चर्चा हो रही है।
पटना [काजल]। बिहार के कोर्ट परिसर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। कभी कोर्ट परिसर में अपराधियों की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दिए जाने की वजह से तो कभी मानव बम विस्फोट के चलते। लेकिन अब ऐसा तो कुछ नहीं हुआ है फिर भी यह सुर्खियों में है। वजह बना है यहां पर कैदी का लगा खुला दरबार। यह कैदी और कोई नहीं बल्कि टॉपर्स घोटाला मामले में सजा काट रहा बच्चा राय है। इसके बाद भी पुलिस सबक नहीं लेती है।अब जान लेते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।
पेशी के दौरान बच्चा राय ने लगाया दरबार
कोर्ट परिसर में हत्या, बम विस्फोट और कैदी की फरारी के बाद एक बार फिर सुरक्षा के नियमों को यहां पर ताक पर रखा गया और लापरवाही बरती गई। दरअसल, बिहार में टॉपर्स घोटाले में सजा काट रहे मामले के मुख्य आरोपी बच्चा राय ने कोर्ट में पेशी के दौरान कैदी हाजत के बाहर अपना दरबार लगाया। इतना ही नहीं उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी उसके साथ चाय की चुस्कियां लेते और आराम फरमाते दिखे। इस दौरान उसके लिए खास इंतजाम किये गए थे और पुलिसकर्मी उसकी जी-हुजूरी में लगे थे।
हाजत नहीं खुलेआम बैठा था बच्चा राय
कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए बच्चा राय को हाजत नहीं बल्कि खुलेआम दिन में गंगा किनारे स्थित कोर्ट के बाहर बरामदे में प्लास्टिक के टेबल पर बैठा देखा गया था जहां वह अपने पांच-छह लोगों के साथ गप्पबाजी करता नजर आया। उसके खुलेआम लगाए गए दरबार में कुछ फरियादी उसे अपनी समस्या भी सुना रहे थे और वह उसका जवाब भी दे रहा था।
बच्चा राय को गर्मी से बचाने के लिए जहां वह बैठा था उसके पीछे छोटा पंखा लगाया गया था। वहां कोई उससे मुलाकात करने आ रहा था तो कोई उसे अपनी समस्या बता रहा था। इसी दौरान उसके लिए चाय-पानी भी लाया गया। बच्चा राय और वहां बैठे लोगों के साथ पुलिसकर्मी भी चाय की चुस्की के साथ बातों में मशगूल रहे। ना उसकी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था थी ना ही वह किसी तरह से कैदी नजर आ रहा था।
एक कैदी होने के बावजूद बच्चा राय खुलेआम लोगों से मिल रहा था और उनसे बातचीत कर रहा था और उसके साथ तैनात पुलिसकर्मी उसकी सेवा-सत्कार में लगे थे। कुछ पुलिसकर्मी उसके साथ ही अगल-बगल में बैठे थे जबकि एक-दो जवान खड़े भी थे।
कोर्ट में पेशी के पहले दिखी बच्चा राय की ठसक
बच्चा राय की ठसक तब दिखी जब उसने दो युवकों को सब्जी लाने बड़ा थैला देकर बाजार भेजा और जब सब्जी आ गई तो उन्हें बताने लगा कि मांगना नहीं, छीनना सीखो। इसके बाद बड़े थैले में आई हरी सब्जी को वह जेल ले गया।
बिहार की कोर्ट परिसर का यह हाल तब है जब अभी हाल-फिलहाल में सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी संतोष झा और उससे कुछ दिनों पहले मोतिहारी कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी अभिषेक झा की हत्या कर दी गई थी। इनसे पहले कोर्ट परिसर में ही एक युवती ने मानव बम बनकर खुदको उड़ा लिया था। लेकिन इन सबसे पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया।
सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में हुई थी गैंगस्टर संतोष झा की हत्या
ताजा मामला सीतामढ़ी के कोर्ट परिसर में हुई गैंगस्टर संतोष झा की हत्या का है जहां पेशी के दौरान अपराधियों ने उसे कोर्ट परिसर में गोली मार दी थी। कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए संतोष झा को तीन अपराधियों ने सामने से सिर और सीने में गोली मारी थी जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
कोर्ट परिसर में ही कुख्यात अभिषेक झा को भी गोलियों से भून डाला था
मोतिहारी जिले के ढाका अनुमंडल कोर्ट परिसर के अंदर बदमाशों ने कुख्यात कैदी अभिषेक झा की पेशी के दौरान गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। बाइक सवार अपराधियों ने कैदी को ले जा रहे पुलिसकर्मियों पर मिर्च पाउडर डाल दिया और उसके बाद कोर्ट परिसर में कैदी अभिषेक झा को तीन गोलियां दाग दीं थीं ।
छपरा सिविल कोर्ट परिसर में मानव बम ब्लास्ट
साल 2016 में छपरा सिविल कोर्ट परिसर में एक युवती ने मानव बम बनकर विस्फोट किया था। इस ब्लास्ट में नौ लोग जख्मी हो गए थे। वारदात के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी। उस समय कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे।
बाढ़ सिविल कोर्ट परिसर में अपराधी की गोली मारकर हुई थी हत्या
पटना से सटे बाढ़ सिविल कोर्ट में बेखौफ अपराधियों ने दिनदहाड़े एक कैदी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। जिस समय अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया, उस कोर्ट में कार्यवाही चल रही थी। पूरे कोर्ट में लोग भरे हुए थे, इसी बीच अपराधियों ने दो कैदियों को गोली मारकर फरार हो गए थे।
क्या कहता है नियम....
नियम के तहत जेल में पेशी के लिए लाए गए कैदियों को कैदी वैन से उतारने के बाद कोर्ट परिसर स्थित हाजत में रखना होता है। वहां बाकायदा संबंधित कैदी की इंट्री से निकासी तक दर्ज की जाती है। पेशी के समय हाजत से कैदियों को संबंधित अदालत में ले जाया जाता है।
पेशी के बाद उसे फिर हाजत लाने के बाद कैदी वैन से वापस जेल भेजा जाता है। इसमें अमूमन पुलिसकर्मियों की दो टीमें काम करती है। पहली टीम कैदी वैन से कोर्ट हाजत तक पहुंचाती है। फिर दूसरी टीम हाजत से कैदी को पेशी के लिए अदालत ले जाती है।
पटना हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता
पटना हाईकोर्ट ने सीतामढ़ी कोर्ट परिसर में पेशी के लिए लाए गए संतोष झा की गोली मारकर हत्या की घटना पर चिंता जाहिर की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकेश आर. शाह व न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन की खंडपीठ के समक्ष एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने जब यह मुद्दा उठाया और पीआईएल के तहत सुनवाई करने का अनुरोध किया, तो कोर्ट ने कहा-मामला काफी गंभीर है।