Bihar: नाम के चक्कर में बगैर वैक्सीन लगवाए लौटे, आपके साथ ऐसा नहीं हो; इसके लिए पढ़ लें ये खबर
Bihar Coronvirus Vaccination बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अभी केवल दो ही कंपनियों की कोविड वैक्सीन सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर लगाई जा रही है। इनमें एक है कोविशील्ड जबकि दूसरी है कोवैक्सीन। पूरे देश के साथ बिहार में भी ज्यादा सप्लाई कोविशील्ड की है।
छौड़ाही (बेगूसराय), संवाद सहयोगी। Bihar Covid-19 Vaccination News: बिहार के बेगूससराय जिले में शुक्रवार को कई युवा बगैर वैक्सीन लिये ही टीकाकरण केंद्र से लौट गए। यह स्थिति नाम में कंफ्यूजन की वजह से हुई। टीकाकरण केंद्र पर सबकुछ ठीक चल रहा था। टीका उपलब्ध भी था और लगाया भी जा रहा था। बावजूद वैक्सीन के नाम को लेकर जो गलतफहमी पैदा हुई, उसके चलते टीका लगवाने पहुंचे कई नौजवान लौट गए। मामला छौड़ाही पीएचसी के कोरोना वैक्सीन केंद्र का है। यह कंफ्यूजन हुआ क्यों, इसे जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें।
चिकित्सा अधिकारी के समझाने पर भी नहीं माने
बेगूसराय जिले के छौड़ाही पीएचसी पर रजिस्ट्रेशन में कोविशील्ड वैक्सीन दर्ज होने एवं दी जा रही वैक्सीन में अलग नाम होने को लेकर युवकों ने पीएचसी में जमकर हंगामा किया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के समझाने पर भी युवक नहीं माने और काफी देर हंगामा करने के बाद बगैर वैक्सीन लगवाए ही वापस लौट गए।
डॉक्टर के गलत जवाब से हुआ भ्रम
पीएचसी में मौजूद युवक राहुल कुमार, श्वेतांशु कुमार, राज, संतोष, सुमित, मनीष आदि का कहना था कि उन्होंने पोर्टल पर कोविड वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। शुक्रवार को उन लोगों को छौड़़ाही वैक्सीन सेंटर पर स्लॉट मिला था। जब वैक्सीन लगाने पहुंचे तो रजिस्ट्रेशन में दर्ज वैक्सीन के बदले एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाने लगे। इसका हम लोगों ने विरोध किया तो वैक्सीन सेंटर के प्रभारी ने कहा कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से बात करिए। यहां यही वैक्सीन उपलब्ध है।
चिकित्सा प्रभारी से मांग रहे थे लिखित आश्वासन
इसके बाद दर्जनों युवक पीएचसी प्रभारी से रजिस्ट्रेशन में दर्ज वैक्सिन देने की मांग की। प्रभारी डॉक्टर कमलेश कुमार का कहना था कि हमारे पास जो वैक्सीन है वही दे सकते हैं। युवकों ने कहा कि रजिस्ट्रेशन मैसेज में दूसरी वैक्सीन दर्ज है। एस्ट्राजेनेका का ही वैक्सीन दीजिए। प्रमाण स्वरूप लेटर पैड पर दर्ज कर हम लोगों को दे दीजिए, ताकि सेकेंड डोज भी यही वैक्सीन लग सके। चिकित्सा पदाधिकारी ने लिखित में कुछ भी देने से मना कर दिया।
जानिए पीएचसी प्रभारी ने क्या कहा
हालांकि पीएचसी प्रभारी ने दोनों वैक्सीन एक होने की बात कहकर मामले को शांत करने का भरसक प्रयास किया। परंतु, युवक कुछ मानने को तैयार नहीं थे। काफी देर तक हंगामा के बाद सभी युवक बगैर वैक्सीन लगवाए वापस लौट गए। इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉ. कमलेश कुमार का कहना था कि लिखित में कुछ नहीं दे सकते हैं। युवकों की बात हमने जिला तक के मेडिकल अफसरों से कराई कि दोनों वैक्सीन एक है। दिक्कत नहीं होगी। लेकिन युवक नहीं मान रहे हैं।
बीडीओ ने क्या कहा- ये भी जानिए
बीडीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। एक्सपर्ट से भी राय ली गई है। लोग निर्भय होकर वैक्सीन लगवाएं। यह एकदम सुरक्षित है। बताया कि यहां सिर्फ एक्सट्राजेनेका की ही वैक्सीन लगाई जा रही है। रजिस्ट्रेशन मैसेज के जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
इसे भी जरूर जान लें
बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अभी केवल दो ही कंपनियों की कोविड वैक्सीन सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर लगाई जा रही है। इनमें एक है कोविशील्ड, जबकि दूसरी है कोवैक्सीन। पूरे देश के साथ बिहार में भी ज्यादा सप्लाई कोविशील्ड की है। इस वैक्सीन का पेटेंट ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के पास है, जिसे भारत में सिरम इंस्टीट्यूट की मदद से तैयार किया जा रहा है। इसी वैक्सीन को कोविशील्ड, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भी कहा जा रहा है। इसके अलावा बिहार में दूसरी वैक्सीन कोवैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है, जिसका पेटेंट अपने देश की कंपनी भारत बायोटेक के पास है। देश में तीसरी वैक्सीन रूप की स्पूतनिक आ तो चुकी है, लेकिन इसका आधिकारिक इस्तेमाल शुरू होने में वक्त है। यह वैक्सीन फिलहाल केवल निजी टीकाकरण केंद्रों पर मिल सकेगी।