Bihar CoronaVirus Updates: पटना से कोरोना को ले राहत भरी खबर, वाट्सऐप ग्रुप्स पर जांच से इलाज तक की जवाबदेही तय
Bihar CoronaVirus Updates कोरोना के इलाज को पटना में वाट्सऐप ग्रुप्स बनाए गए हैं। इनके माध्यम से जांच से इलाज तक की जवाबदेही तय की गई है। क्या है पूरी प्रक्रिया जानिए यहां।
पटना, पवन कुमार मिश्र। राज्य में कोरोना नियंत्रित जरूर है, परंतु इसका खौफ लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ा रहा है। राजधानीवासियों ने अब इससे जंग के लिए 'समूह शक्ति' का गठन शुरू किया है जिससे आपातकाल में अस्पताल पहुंचने से पहले संक्रमित को फौरी राहत मिल सके। कार्यालयों के सहयोगी, अपार्टमेंट के लोग, दोस्त और रिश्तेदार इसके लिए कोष और वाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं। किसी एक के संक्रमित या संक्रमण की आशंका होने पर पूरा ग्रुप सक्रिय होकर जांच, भर्ती व प्लाज्मा से लेकर एंबुलेंस व एयर एंबुलेंस तक का इंतजाम मिनटों में कर देता है।
दरअसल, कोरोना होने की आशंका मात्र से डॉक्टरों तक के निर्णय लेने की क्षमता पंगु हो जाती है। ऐसे में जांच, परामर्श, एंबुलेंस, किस अस्पताल जाएं, वहां बेड मिलेगा या नहीं, गंभीर हुए तो प्लाज्मा और इलाज खर्च के विचार तनाव बढ़ा देते हैं। ऐसी परेशानियों से निजात दिलाने के लिए समूह शक्ति बड़ा सहारा बन रही है। सहयोग समिति
कोरोना से निपटने के लिए एसके नगर निवासी एकजुट हुए और सहयोग समिति बनाई। यहां कोरोना मुक्त हुए गौरव ने मदद के लिए ऑक्सीजन बैंक बनाया। उनकी पहल को बिहार फाउंडेशन भी सहयोग कर रहा है। आज ये 15 जिलों में जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करा रहे हैं। बोङ्क्षरग रोड समेत कई इलाकों के अपार्टमेंट में ऐसे वाट्सऐप ग्रुप बन चुके हैं। रोटरी क्लब ने भी सहायता समूह तैयार किए हैं।
डॉक्टरों की पहल
बिहार ऑप्थलमोलॉजी सोसाइटी के सचिव डॉ. सुनील कुमार सिंह का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हुआ और मां की मौत भी हो गई। इलाज में कई समस्याएं आईं। ठीक होने पर उन्होंने समूह का प्रस्ताव रखा। इस पर सोसायटी ने 12 डॉक्टरों को जांच से इलाज तक की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी सौंपी। वाट्सएप पर ग्रुप काम कर रहा है।
सबके सहयोग से हारेगा कोराना
आइजीआइएमएस स्थित क्षेत्रीय चक्षु केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया, समूह शक्ति का असर ये है कि कोरोना संक्रमित जल्द ठीक होने लगे हैं। हाल में नालंदा के डॉक्टर के तकलीफ में होने की सूचना ग्रुप में आई। उनके रिश्तेदारों को जब तक जानकारी हुई, तबतक उन्हें एम्स में भर्ती कराया जा चुका था। ग्रुप के सभी लोग लगातार उनकी काउंसिलिंग करते रहे, इसका सकारात्मक असर दिखा।