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Bihar CoronaVirus Update: कोरोना संक्रमण की चपेट में पटना के रेलकर्मी, दानापुर मंडल के स्‍टेशनों पर बढ़ा खतरा

Bihar CoronaVirus Update बिहार के दानापुर रेल मंडल के स्‍टेशनों पर कोरोना संक्रमण का खतरा गहराता दिख रहा है। वहां रेल प्रबंधन की ओर से कर्मियों को सैनेटाइजर मास्क व हैंड ग्लब्स नहीं दिए जा रहे हैं। इससे खासकर फ्रंट लाइन के कर्मचारी खतरे में हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 09:06 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 09:06 AM (IST)
Bihar CoronaVirus Update: कोरोना संक्रमण की चपेट में पटना के रेलकर्मी, दानापुर मंडल के स्‍टेशनों पर बढ़ा खतरा
दानापुर मंडल के प्रमुख स्‍टेशन पटना जंक्‍शन की फाइल तस्‍वीर।

पटना, जेएनएन। दानापुर मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर कार्यरत रेलकर्मियों में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है। रेल प्रबंधन की ओर से कर्मियों को न तो सैनेटाइजर दिए जा रहे हैं और न ही मास्क या हैंड ग्लब्स। खासकर वैसे कर्मियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो फ्रंट लाइन के कर्मचारी हैं। जिनका सीधा संपर्क यात्रियों से है उन्हें सुरक्षा के  नाम पर कुछ भी  नहीं मिल रहा है। नतीजा है कि एक बार फिर से रेलकर्मियों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ही पटना जंक्शन, गुलजारबाग, राजेन्द्र नगर टर्मिनल व दानापुर स्टेशन पर  तैनात  एक दर्जन से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

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कोरोना संक्रमित मिले पटना जंक्शन के कई कर्मचारी

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह पटना जंक्शन के आरक्षण काउंटर पर तैनात एक रेलकर्मी को कोरोना संक्रमित पाया गया। उसके संपर्क में आने वाले गुलजारबाग के आरक्षण काउंटर के जब एक कर्मचारी ने अपनी जांच करवाई तो वह भी कोरोना संक्रमित निकला। देखते-देखते गुलजारबाग के अधिकांश कर्मचारी कोरोना संक्रमित निकलने लगे।

फ्रंटलाइन के कर्मचारियों में सबसे अधिक परेशानी

पटना जंक्शन पर ही तैनात टिकट संग्राहकों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। जंक्शन पर तैनात फ्रंटलाइन के कर्मचारियों में सबसे अधिक परेशानी आरक्षण कर्मियों व टिकट निरीक्षकों को हो रही है।

कोरोना को लेकर हर तरफ दिखती लापरवाही

अब जब रेलकर्मी ही कोरोना संक्रमित होने लगे हैं तब यात्री कितने सुरक्षित रहेंगे? पहले जहां यात्रियों को प्लेटफार्म पर जाने के पहले पूरा स्क्रीनिंग की जाती थी, वहीं अब कोई देखने वाला नहीं है। खासकर सुबह में तो कोई माई-बाप नहीं। जंक्शन के मुख्य परिसर में तो कुछ पुलिसकर्मी तैनात भी रहते हैं परंतु करबिगहिया की ओर पूरा मैदान खाली रहता है। पहले सामानों को रेलवे की ओर से सेनेटाइज करने की व्यवस्था थी, अब इसे निजी हाथों में दे दिया गया है। यात्री अपने पॉकेट से इसके लिए कोई भी शुल्क देने को तैयार नहीं हैं। किसी भी स्टेशन पर न तो मास्क की चेकिंग हो रही है और न ही ट्रेनों में कोई भी यात्री हैंड ग्लब्स लगाकर यात्रा कर रहा है। बहुत होता है तो यात्री मास्क लगा लेते हैं। हालांकि जो जागरूक यात्री हैं वह अभी भी अपने साथ सैनेटाइजर, मास्क व हैंडग्लब्स रखते हैं। ट्रेन में अपने बर्थ पर बैठने के पहले उसे पूरी तरह सैनेटाइज करते हैं फिर बैठते हैं।

रेलवे का दावा: ऑल इज वेल

दानापुर मंडल के रेलवे जन संपर्क अधिकारी पृथ्वीराज कहते हैं कि रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा के लिए काफी काम किए जा रहे हैं। लगभग सभी स्टेशन पर आटोमेटिक सैनेटाइजर मशीन लगाए गए हैं। लगेज पैकेजिंग मशीन लगाए गए हैं। प्रवेश करते समय ही थर्मल स्क्रीनिंग कराई जाती है। प्रतिदिन मास्क की चेकिंग की जा रही है। रेलवे के दफ्तरों को समय-समय पर सेनेटाइज किया जा रहा है।


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