Move to Jagran APP

बिहार में अस्‍पतालों का हाल जानने को पटना हाईकोर्ट जारी करेगा ईमेल आइडी, सरकार के इंतजामाें को बताया नाकाफी

Bihar Coronavirus Update News हाईकोर्ट करेगा कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजाम की निगरानी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इंतजाम को बताया नाकाफी केंद्र के डायरेक्टर जनरल को दिया निर्देश दो दिनों के भीतर उप महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम आकर तैयारियों को परखे

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 08:41 AM (IST)
बिहार में अस्‍पतालों का हाल जानने को पटना हाईकोर्ट जारी करेगा ईमेल आइडी, सरकार के इंतजामाें को बताया नाकाफी
बिहार हाईकोर्ट ने लिया शिकायतों पर संज्ञान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Coronavirus Update News: कोरोना महामारी से निपटने, ऑक्सीजन की आपूर्ति और अस्पतालों में बेडों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अबतक के इंतजामों से पटना हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है। यही कारण है कि कोर्ट ने सरकार की व्यवस्था को नाकाफी बताया है। न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह एवं न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की खंडपीठ के सामने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने महामारी से बचाव के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता और उसकी निर्बाध आपूर्ति की विस्तृत कार्ययोजना पेश की। राज्य सरकार की तैयारियों से असंतुष्ट खंडपीठ ने महानिबंधक को निर्देश दिया कि हाईकोर्ट की एक ई-मेल आईडी बनाई जाए और उसे मीडिया के जरिए प्रचारित किया जाए। उस मेल आईडी पर अस्पतालों से बेड, ऑक्सीजन एवं दवा आपूर्ति की स्थिति की रिपोर्ट मंगाई जाए।

loksabha election banner

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लापरवाही होगी दूर

हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश भर के जिस भी अस्पताल में ऑक्सीजन समेत मरीजों के इलाज की व्यवस्था में कमी की बात आए तो उसकी सूचना तुरंत हाईकोर्ट के ईमेल आईडी पर मंगाई जाए। हाईकोर्ट प्रशासन सूचना देने वाले उक्त अस्पताल के संबंधित जिले के डीएम को फौरन सूचित करेगा और जरूरी सुविधाएं दिलाने का निर्देश देगा। अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं बेड की कमी की आ रही खबरों के आधार पर हाईकोर्ट ने यह पहल की है। खबरों में कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं मिल रही हैैं।

केंद्रीय टीम इलाज की व्यवस्था का करेगी आकलन

खंडपीठ ने केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल (स्वास्थ्य सेवा) को निर्देश दिया कि वह दो दिनों के अंदर मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम बनाकर बिहार भेजे। इस टीम का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी को दिया जाए। कम से कम उप महानिदेशक या उससे आला स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम राज्य सरकार की तैयारियों और वर्तमान कार्ययोजना का आकलन करेगी। साथ ही अदालत को बताएगी कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने में सरकार की यह कार्ययोजना कितना कारगर है? अगली सुनवाई अब 27 अप्रैल को होगी।

सरकार के प्रयासों को बताया नाकाफी

सरकार के दावे और कार्ययोजना से हाईकोर्ट ने असंतोष जताया और कहा कि सूबे में कोरोना के फैलने की रफ्तार की तुलना में सरकार के प्रयास काफी नही हैैं। अदालत ने ऑक्सीजन की आपूॢत संबंधी सरकार की कार्ययोजना को भ्रमित करने वाला बताया और कहा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पतालों में मरीजों की भर्ती नहीं की जा रही है। फिर भी सरकार लंबी-चौड़ी कार्ययोजना दिखा कर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति और उपलब्धता का दावा कर रही है। दोनों बातें एक साथ नहीं हो सकती हैैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.