Bihar Coronavirus Update: कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद भी दुर्दशा, देखें बक्सर का ये वायरल वीडियो
Video Viral in Buxar बिहार के बक्सर जिले में कोरोना मरीज के शव को अंतिम संस्कार ले जाते कर्मियों का एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में कर्मी शव को घसीटते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है।
बक्सर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच शनिवार की देर रात जिला मुख्यालय बक्सर के चरित्रवन स्थित गंगा घाट पर मुक्तिधाम में व्यवस्था के ही अंतिम संस्कार सा नजारा दिखा। स्ट्रेचर के अभाव में कोरोना संक्रमित महिला का शव स्वास्थ्य कर्मी लगभग घसीटते हुए ले गए। इससे स्वजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने जमकर हंगामा किया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एसडीएम केके उपाध्याय ने स्वजनों को शांत किया और सम्मानजनक तरीके से शवदाह की व्यवस्था कराई। दरअसल, जिस महिला का शव श्मशान घाट पर लाया गया था, उसकी मौत शाम में ही जीएनएम स्कूल में बने कोविड केयर सेंटर में लाने के तुरंत बाद हो चुकी थी।
घंटों घाट पर ही पड़ा रहा संक्रमित का शव
इस महिला की मौत के बाद संक्रमित महिला के साथ आये लोगों ने अस्पताल में हंगामा मचाते हुए चिकित्सक से मारपीट की थी। इस मामले में प्रशासन ने मृतका के पति और पुत्र को हिरासत में ले लिया था, लेकिन शवदाह के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। शव को श्मशान घाट भेजा तो गया, लेकिन वहां अंतिम संस्कार के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं होने से घाट पर घंटों संक्रमित मरीज का शव पड़ा रहा।
एंबुलेंस से शव नहीं उतारने दे रहे थे स्वजन
महिला का शव लेकर पुलिस श्मशान घाट पहुंची। परिस्थितियां ऐसी थीं कि स्वास्थ्य कर्मी अगर श्मशान घाट पर शव को उतार देते तो लावारिस की तरह वहीं पड़ा रहता। इसको देखते हुए मरीज के स्वजनों ने शव वाहन से शव को उतारने से ही मना कर दिया। उधर सदर अस्पताल में अन्य मृत मरीजों का शव भेजने के लिए सदर अस्पताल के एकमात्र शव वाहन का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। ऐसे में संक्रमण से मृत दूसरे व्यक्ति के स्वजन तीन-चार घंटे के इंतजार के बाद शव को श्मशान घाट ले जाने के लिए परेशान हो गए। इसके लिए उन्होंने जिले के तमाम आला अधिकारियों को फोन किया।
स्ट्रेचर नहीं होने के कारण हुई समस्या
आखिर में अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय स्थिति को समझने के लिए श्मशान घाट पहुंचे। परिस्थितियों से अवगत होने के बाद डांट-फटकार लगाते हुए नगर परिषद के कर्मियों को शवदाह के लिए तैयार कराया और शव वाहन को वापस भेजा। शव वाहन के द्वारा जब इटाढ़ी के मृतक कमलेश कुमार दूसरा शव लाया गया तो उसे उतारकर श्मशान घाट तक ले जाने के लिए भी स्ट्रेचर आदि की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी शव को लगभग घसीटते हुए ले कर गए। इसका वीडियो वायरल होने के बाद मृतकों के स्वजनों ने प्रशासनिक व्यवस्था के विरुद्ध जमकर हंगामा किया।
एसडीओ ने कहा- मामले की होगी जांच
मौके पर मौजूद मृतक के परिजनों ने इस तरह की व्यवस्था पर काफी रोष व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन तथा जिला व राज्य स्वास्थ्य समिति को इस तरह की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और इसे सुधारने की पहल की जानी चाहिए। उधर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि मृत महिला के परिजनों द्वारा विधि व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। शव को बिना स्ट्रेचर के ले जाने के मामले में उन्होंने जांच कर यह पता लगाने की बात कही कि कौन लोग थे जो शव को इस तरह से ले जा रहे थे।
बिहार के बक्सर जिले में इस तरह हो रहा कोरोनावायरस संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार pic.twitter.com/YaXSbcR5Vq
— Shubh Narayan Pathak (@PathakSNarayan) April 25, 2021
दो बार व्यवस्था के लिए पत्र लिख चुके एसडीओ
बताते चलें कि कोरोना संक्रमित मरीजों के शवदाह तथा श्मशान घाट पर साफ-सफाई तथा अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी को दो बार पत्र लिखकर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने की बात कही गई थी। बावजूद इसके नगर परिषद के अधिकारियों ने आदेश पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे समस्या उत्पन्न हुई।
अंतिम संस्कार में नहीं हो रहा गाइडलाइन का पालन
हालात ऐसे हैं कि मृतकों के स्वजन ही कोरोना संक्रमित शवों को श्मशान घाट पर अन्य शवों के साथ ही जला रहे हैं। ऐसे में संक्रमण बढ़ने की आशंका और भी ज्यादा हो जा रही है। हालांकि, एक साथ शवों को जलाना अपने आप में डराने वाली परिस्थिति पैदा कर रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि अनुमंडल पदाधिकारी के बार-बार निर्देशित किए जाने के बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा।
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