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Bihar CoronaVirus Update: बक्‍सर में गंगा में बहते इंसानों के शवों के साथ मृत जानवरों को भी मिल रही सद्गति

Bihar CoronaVirus Update कोरोनावायरस के संक्रमण काल में यूपी से गंगा बहकर बक्‍सर आ रहे इंसानों के शवों के साथ मृत जानवरों को भी जाल के सहारे कनकाल कर उनका अंतिम संस्‍कार किया जा रहा है। गंगा में काफी संख्या में लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 04:28 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 04:28 PM (IST)
Bihar CoronaVirus Update: बक्‍सर में गंगा में बहते इंसानों के शवों के साथ मृत जानवरों को भी मिल रही सद्गति
बक्‍सर में गंगा में लगाया गया महाजाल। तस्‍वीर: जागरण।

बक्‍सर, जागरण संवाददाता। कोरोनावायरस के संक्रमण के दौर में गंगा में शवों को बहाए जाने का मामला मीडिया में आने के बाद बक्सर और गाजीपुर प्रशासन सक्रिय हो गए हैं। इसके बाद अब गंगा में बहते इंसानों के शवों के साथ जानवरों के शवों को भी सद्गति मिलने लगी है। गंगा में बहते मिल रहे जानवरों के शवों को भी निकाल कर मिट्टी में दबाया जा रहा है।

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दरअसल, गंगा में काफी संख्या में लाशों के मिलने के पश्चात गंगा घाटों की निगरानी तो शुरू हो ही गई है। वहीं, गंगा में बक्सर और गाजीपुर की सीमा पर महाजाल लगाए जाने के बाद एक तरफ से उत्तर प्रदेश से बह कर आ रहे इंसानों के शव बरामद हो रहे हैं, तो साथ में गंगा में बहाए गए जानवरों के शव भी महाजाल में फंस रहे हैं।  उन्हें भी प्रशासन के द्वारा निकालकर मिट्टी में दफन किया जा रहा है। पिछले दो दिनों में चार से ज्यादा मृत जानवरों के शव भी आकर महाजाल में फंसे हैं, जिन्हें निकाल कर दफन किया गया है।

चौसा के रानी घाट के समीप लगाया महाजाल

चौसा के रानी घाट के समीप बक्सर जिला प्रशासन के द्वारा महाजाल लगा दिया गया है। यह अपनी सीमा से उत्तर प्रदेश की सीमा तक गंगा के बीचो-बीच लगाया गया है। जाल नीचे तक लगाया गया है, जिससे कि शवों के बाहर निकलने की कोई गुंजाइश नहीं बच रही है। महाजाल लगाए जाने के बाद कई शव बहते हुए जाल में आकर फंसे हैं। स्थानीय निवासी राजकुमार बताते हैं कि मंगलवार को भी पड़ोसी राज्य के सीमा क्षेत्र से गंगा किनारे दो शव बहते पाए गए। इसकी सूचना मिलने पर गाजीपुर प्रशासन द्वारा उनका अंतिम संस्कार कराया गया।

स्थाई निदान विद्युत शवदाह गृह का निर्माण

स्थानीय निवासी अश्विनी कुमार वर्मा बताते हैं कि शवों को जल प्रवाह से रोकने का एकमात्र स्थाई निदान विद्युत शवदाह गृह का निर्माण है। इससे गरीब लोग कम खर्च में शवदाह कर सकेंगे। मजदूर नेता डॉ.मनोज यादव बताते हैं कि गरीबों को कबीर अंत्येष्टि का पैसा भी समय पर नहीं मिलता है।


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