पटना हाईकोर्ट बोला-हाथ जोड़ें, पांव पकड़ें मगर डॉक्टरों को हड़ताल पर न जाने दें
Bihar CoronaVirus Alert एनएमसीएच में संक्रमितों के स्वजनों द्वारा मारपीट किए जाने और जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने की सूचना पर खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए सरकारी वकीलों से कहा कि चाहे जैसे भी उन्हें रोकिए।
जागरण टीम, पटना। एनएमसीएच में संक्रमितों के स्वजनों द्वारा मारपीट किए जाने और जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने की सूचना पर खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए सरकारी वकीलों से कहा कि चाहे जैसे भी उन्हें रोकिए। हड़ताल पर मत जाने दीजिए। इसके लिए चाहे हाथ जोड़ना पड़े या पांव पड़ना पड़े। जो भी संभव है, सब कीजिए।
अदालत ने अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार से कहा कि इसके लिए वह खुद पहल करें। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं अन्य अधिकारियों से बात करके किसी भी तरह डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश कीजिए। इसके लिए खंडपीठ ने करीब सात बजे दस मिनट के लिए सुनवाई भी स्थगित कर दी। बाद में सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि हड़ताल खत्म करने के लिए डॉक्टरों से बात हो गई है। सरकार की ओर से उन्हें सुरक्षा देने का भरोसा दिया गया है।
अस्पताल में मारपीट पर गए थे हड़ताल पर
बता दें कि 500 बेड के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में मरीज की मौत के बाद मारपीट पर बुधवार को जूनियर डॉक्टर दूसरी बार हड़ताल पर चले गए थे। इसके दो दिन पहले भी चिकित्सकों से की गई मारपीट से नाराज डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। सुरक्षा देने की मांग पर जूनियर डॉक्टर काम पर वापस आए थे। राहत भरी खबर यह है कि बुधवार की ही देर रात चिकित्सकों ने मरीजों की स्थिति को देखते हुए अपनी हड़ताल खत्म कर दी। जूनियर डॉक्टरों के साथ हो रही मारपीट पर पटना हाईकोर्ट भी चिंतित है। इसी को लेकर एक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं अन्य अधिकारियों से बात करके किसी भी तरह डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश कीजिए। कोर्ट ने कहा कि चाहे जैसे भी उन्हें रोकिए। हड़ताल पर मत जाने दीजिए। इसके लिए चाहे हाथ जोड़ना पड़े या पांव पड़ना पड़े। जो भी संभव है, सब कीजिए।