अब दागियों के भरोसे बिहार कांग्रेस, नई वर्किंग कमेटी में ये भी हो गए शामिल
बिहार कांग्रेस की 23 सदस्यीय वर्किंग कमेटी में कुछ विवादित चेहरे भी शामिल कर लिए गए हैं। हालांकि, कमेटी में अभी समेकित का विस्तार होना शेष है।
By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 08:13 AM (IST)
पटना [एसए शाद]। पिछले महीने माह बनी कांग्रेस की नई वर्किंग कमेटी में कुछ विवादित नामों के शामिल रहने से पार्टी के वरिष्ठ नेता अभी भी हतप्रभ हैं। आपसी बातचीत में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है। विवादित नामों में एक चार्जशीटेड है तो दूसरा अनुशासनहीनता का हाल में ही एक बार फिर दोषी पाया गया है। फिलहाल 23 सदस्यीय कमेटी बनी है, जिसमें एक ही जिले से चार लोगों को शामिल किया गया है। हालांकि, अभी कमेटी का विस्तार होना है।
एक पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ माह पहले प्रदेश में यौन उत्पीडऩ का एक हाईप्रोफाइल मामला सामने आया था, जिसमें कांग्रेस के एक नेता पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। पटना हाईकोर्ट से इस नेता को जमानत नहीं मिली थी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बेल दिया है। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। पार्टी के कार्यक्रमों में और वरिष्ठ नेताओं के साथ इनकी मौजूदगी को पार्टी के अंदर ही बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखा जा रहा है।
दूसरे पर वरिष्ठ नेताओं से हाथापाई का आरोप
करीब दो माह पूर्व एक कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं के साथ हाथापाई और अभद्र व्यवहार करने वाले एक अन्य नेता भी वर्किंग कमेटी में शामिल कर लिए गए हैं। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तीन सदस्यीय जांच दल भेजकर मामले की जांच कराई थी। जांच दल ने मामले को सही करार देते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। मगर इस अनुशंसा को नजरअंदाज कर दिया गया। उनके खिलाफ पूर्व में भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है।
एक अन्य पर कई मुकदमे दर्ज
यही नहीं, उत्तर बिहार के एक विधायक, जिनपर कई मुकदमे हैं, उन्हें भी कमेटी में स्थान दिया गया है।
कमेटी में क्षेत्रीय संतुलन नहीं
कमेटी में सामाजिक संतुलन बनाने का प्रयास हुआ है, मगर क्षेत्रीय संतुलन नहीं बन पाया। मिथिलांचल के एक जिले से चार नेताओं को कमेटी में जगह दी गई है।
एक पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ माह पहले प्रदेश में यौन उत्पीडऩ का एक हाईप्रोफाइल मामला सामने आया था, जिसमें कांग्रेस के एक नेता पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। पटना हाईकोर्ट से इस नेता को जमानत नहीं मिली थी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें बेल दिया है। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। पार्टी के कार्यक्रमों में और वरिष्ठ नेताओं के साथ इनकी मौजूदगी को पार्टी के अंदर ही बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखा जा रहा है।
दूसरे पर वरिष्ठ नेताओं से हाथापाई का आरोप
करीब दो माह पूर्व एक कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं के साथ हाथापाई और अभद्र व्यवहार करने वाले एक अन्य नेता भी वर्किंग कमेटी में शामिल कर लिए गए हैं। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तीन सदस्यीय जांच दल भेजकर मामले की जांच कराई थी। जांच दल ने मामले को सही करार देते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। मगर इस अनुशंसा को नजरअंदाज कर दिया गया। उनके खिलाफ पूर्व में भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है।
एक अन्य पर कई मुकदमे दर्ज
यही नहीं, उत्तर बिहार के एक विधायक, जिनपर कई मुकदमे हैं, उन्हें भी कमेटी में स्थान दिया गया है।
कमेटी में क्षेत्रीय संतुलन नहीं
कमेटी में सामाजिक संतुलन बनाने का प्रयास हुआ है, मगर क्षेत्रीय संतुलन नहीं बन पाया। मिथिलांचल के एक जिले से चार नेताओं को कमेटी में जगह दी गई है।
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