सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद तेवर में आ गई है बिहार कांग्रेस, कर रही बड़े-बड़े हमले
सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद बिहार कांग्रेस तेवर में आ गई है। उसका रूख ही बदल गया है। पहले जदयू के प्रति पार्टी का नरम रवैया था लेकिन अब उसे भी नहीं छोड़ रही है। पढ़े खबर।
पटना, एसए शाद। अबतक जदयू के प्रति नरम रवैया रखने के कारण राज्य सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने से परहेज कर रही प्रदेश कांग्रेस धीरे-धीरे राज्य सरकार के खिलाफ मुखर होने लगी है। सोनिया गांधी के फिर से अध्यक्ष बनने के बाद से यह बदलाव देखने को मिला। पिछले दिनों संपन्न हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में तो पार्टी का यह रुख खुलकर सामने आया। पार्टी के सदस्यों ने अन्य विपक्षी दलों के साथ सदन में राज्य सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की।
अक्टूबर महीने में कांग्रेस ने दो चरणों में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया। फिर 24 नवंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला। इस मार्च पर लाठी चार्ज हुई, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जिसके विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की। फिर अगले चार दिनों तक राज्य सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों, विशेषकर राजद, द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी वेल में आकर नारेबाजी की। सदन की कार्यवाही चलने नहीं दी।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी का राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के प्रति रवैया सभी के सामने स्पष्ट था। वह लालू प्रसाद से दूरी बनाए रखने को बेहतर समझते थे, जबकि सोनिया गांधी हमेशा से गठबंधन की राजनीति पर बल देती रहीं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी का राजद नेतृत्व के प्रति ऐसा ही कुछ रवैया रहा। अपनी आधा दर्जन रैलियों में से केवल एक में तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा किया।
ऐसे में पार्टी के अंदर यह समझ पनपने लगी कि राजद की जगह उन्हें जदयू से करीब रहना चाहिए। नतीजे में पार्टी का जदयू के प्रति नरम रवैया सामने आने लगा। लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं दिख रही। शिक्षा में सुधार की मांग को लेकर रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आमरण अनशन के दौरान एक बार कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ मुखर दिखी। प्रदेश कांग्रेस ने भी अब शिक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की घोषणा कर दी है।