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शराबबंदी के बाद बिहार में दर्ज हुए शराब के ढाई लाख मामले, साढ़े तीन लाख लोगों को भेजा गया जेल

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही बताया पांच साल के अंदर शराबबंदी कानून में 2 लाख 55 हजार मामले दर्ज मुख्यमंत्री बोले-अपराध की जांच में तेजी लाने के लिए हर जिले में चलंत विधि विज्ञान इकाई का गठन जल्द

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 07:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 07:08 AM (IST)
मुख्‍यमंत्री ने कहा, बिहार में शराबबंदी कायम रहेगी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Wine Smuggling in Bihar: बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह लागू करने की राह में तमाम अड़चनें हैं, लेकिन सरकार इन अड़चनों से घबराकर सरकार अपने फैसले को वापस लेने के मूड में बिल्‍कुल नहीं है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही इसे पूरी तरह स्‍पष्‍ट कर दिया है। बिहार पुलिस सप्‍ताह के अंतर्गत पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्‍यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2016 से जनवरी 2021 तक शराबबंदी से संबंधित 2 लाख 55 हजार 111 मामले दर्ज किए गए हैं।

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शराबबंदी के तहत अब तक 470 लोगों को सजा

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत अब तक 3 लाख 39 हजार 401 अभियुक्तों की गिरफ्तारी पूरे बिहार में हुई है। उन्‍होंने कहा कि पुलिस बल की कार्रवाई में पूरे राज्‍य में 51.7 लाख लीटर देसी शराब और 94.9 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। 3 लाख 39 हजार 401 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई। 470 अभियुक्तों को न्यायालय से सजा हुई।

37 हजार गाड़‍ियां हुईं जब्‍त, तीन हजार की नीलामी

बिहार के सीमावर्ती और नेपाल के इलाकों में 5,401 शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया। शराब से जुड़े मामलों 37 हजार 484 गाड़‍ियां जब्त की गईं। 3 हजार 482 गाड़‍ियां नीलाम की गई हैं। मद्य निषेध इकाई द्वारा असम, पंजाब व हरियाणा जाकर बड़े कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया।

शराबबंदी लागू करने के लिए पुलिस की सराहना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने में पुलिस की भूमिका की सराहना की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन बिहार में कानून का राज कायम रहेगा। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के साथ-साथ सांप्रदायिक एकता का माहौल कायम रखने में पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका है।

दुनिया में हर वर्ष शराब से 5.3 फीसद मौत

मुख्यमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य संबंधित 2018 कीं सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष जितनी मृत्यु होती है, उसमें 5.3 फीसद लोगों की मृत्यु शराब पीने से होती है। 20 से 39 आयु वर्ग के 13.5 फीसद युवाओं की मृत्यु शराब की वजह से होती है। शराब पीने के बाद 18 फीसद आत्महत्या के मामले सामने आते हैं। ड्राइवर के शराब पीने की वजह से 27 फीसद सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। 48 फीसद लीवर की गंभीर बीमारी भी शराब पीने होती है। 26 फीसद माउथ कैंसर और पेनक्रियाज की गंभीर बीमारी शराब पीने से होती है। शराब पीने से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं। गंभीर बीमारियों से ज्यादा शराब पीने से लोग मरते हैं।


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