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जनसंख्या नियंत्रण कानून पर यूपी के CM योगी से बिहार के मुख्यमंत्री के विचार अलग, नीतीश बोले-यह संभव नहीं

नीतीश कुमार ने दो टूक लहजे में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाकर काम करना संभव नहीं। जो राज्य इसे करना चाहें करें पर कानून से यह ठीक तरीके से संभव नहीं हो सकेगा। जनसंख्या नियंत्रण का काम महिलाओं की शिक्षा से संभव है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 07:02 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 07:02 PM (IST)
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर यूपी के CM योगी से बिहार के मुख्यमंत्री के विचार अलग, नीतीश बोले-यह संभव नहीं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को दो टूक लहजे में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाकर काम करना संभव नहीं। जो राज्य इसे करना चाहें करें पर कानून से यह ठीक तरीके से संभव नहीं हो सकेगा। जनसंख्या नियंत्रण का काम महिलाओं की शिक्षा से संभव है। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लौटने के क्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

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मालूम हो कि जनसंख्या दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने की बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन के मामले को भी आप इस संदर्भ में देख सकते हैैंं। पहले एक बच्चे की बात थी, फिर दो बच्चे पर आए और अब क्या स्थिति हो रही है वहां? हमने यह अध्ययन किया है कि महिलाएं जब पढ़ी-लिखी होती हैैं तो जनसंख्या नियंत्रण को ले उनमें जागरूकता आती है। यह आंकड़ा रहा है कि महिलाएं अगर मैट्रिक पास हैैं तो प्रजनन दर दो की रही है। राष्ट्रीय और बिहार दोनों जगह का यह औसत है। इसी तरह अगर महिलाएं इंटर पास हैैं तो प्रजनन दर राष्ट्रीय स्तर पर 1.7 तथा बिहार में 1.6 रही है। वर्ष 2040 के बाद इसमें कमी शुरू हो जाएगी। यह सभी कम्युनिटी के लोगों के लिए है पर बहुत लोगों को लगता है कि खाली कानून बना देने से जनसंख्या नियंत्रण का काम हो जाएगा। अलग-अलग राज्यों में लोगों की अपनी-अपनी सोच है। 

समान नागरिक संहिता पर नो कमेंट्स

न्यायालय द्वारा समान नागरिक संहिता की बात किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री से जब उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इस पर उन्हें कुछ नहीं कहना है। वैसे मुख्यमंत्री ने यह जरूर जोड़ा कि यह तो 44 नंबर पर है। वहीं 47 नंबर नशाबंदी है। इस पर भी तो ध्यान जाना चाहिए। क्यों नहीं यह पूरे देश में लागू हो जाता? 


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