बिहार चुनाव में याद आए 'प्रणव दा', बोले कांग्रेस नेता- नीतीश के मंत्रियों को उनसे सीखने की जरूरत
कांग्रेस ने राज्यपाल फागू चौहान से आग्रह किया है कि वे सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार और भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी को उनके पद से तत्काल बर्खास्त करें क्योंकि दोनों नेता 6 महीने से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं पर मंत्री बने हुए हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार कांग्रेस ने चुनाव के ऐन बीच जदयू के दो वरिष्ठ नेताओं को अपने निशाने पर लिया है। कांग्रेस ने राज्यपाल फागू चौहान से आग्रह किया है कि वे सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार और भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी को उनके पद से तत्काल बर्खास्त करें, क्योंकि दोनों नेता छह महीने से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं पर मंत्री पद पर बने हुए हैं।
प्रेमचंद ने कहा कैसे करें उनसे नैतिकता की उम्मीद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि उस व्यक्ति से नैतिकता की उम्मीद करना बेमानी है जो खुद जानदेश का सम्मान करना ना जानता हो।
दिया नियम का हवाला
दोनों नेताओं ने कहा कि संविधान में प्रावधान हैं कि बिना किसी सदन के सदस्य रहते मंत्री पद का शपथ लेने वाले को 180 दिन तक ही मंत्री पद पर रहने का अधिकार होता है। इसी अवधि में ही उसे किसी ना किसी सदन का सदस्य बनना होता है। लेकिन बिहार में इस नियम की अनदेखी हो रही है।
प्रणव मुखर्जी का दिया उदाहरण
प्रमोद तिवारी ने नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे प्रणव मुखर्जी का उदाहरण देकर कहा कि मुखर्जी का कार्यकाल काल खत्म हुआ तो उन्होंने उसी दिन नरसिम्हा राव सरकार से इस्तीफा दे दिया था। प्रेमचन्द मिश्रा ने भी कहा कि इन दोनों मंत्रियों को नैतिकता दिखाते हुए उसी दिन मंत्री पद छोड़ देना चाहिए था जिस दिन परिषद में सदस्य के रूप में इनका कार्यकाल खत्म हो गया। लेकिन, संविधान के प्रावधान का हवाला देकर इन लोगों ने इस्तीफा नहीं दिया। अब उसी संविधान के प्रावधान के अनुसार भी उनका कार्यकाल आज पूरा हो गया।