बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कहा, कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिले
बिहार के उद्यमियों की मांग आम बजट में बिहार को मिले विशेष पैकेज बिहार सहित पिछड़े राज्यों के विकास के लिए अलग नीति बने बिहार आर्थिक और औद्योगिक रूप से पिछड़ा राज्य है बजट में इसके लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था होनी चाहिए।
पटना [दिलीप ओझा]। बिहार आर्थिक और औद्योगिक रूप से पिछड़ा राज्य है। यहां किसी भी क्षेत्र में बड़ी इंडस्ट्रीज नहीं है। इसलिए आम बजट में इसके लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था होनी चाहिए। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि आम बजट 2021 से बिहार के उद्यमियों को कइ्र तरह की उम्मीदें हैं।
पीके अग्रवाल ने कहा कि राज्य के संसाधन की एक सीमा है। जितना संभव होता है राज्य सरकार उद्योगों का विकास अपने स्तर से करती है। हालांकि यह नाकाफी साबित हो रहा है। इसके बूते बिहार विकसित राज्य नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक औद्योगिकरण के लिए विशेष पैकेज बिहार को नहीं मिलता है, तब तक बिहार की उन्नति नहीं हो सकती है। साथ ही रोजगार सृजन में भी संतोषजनक सुधार नहीं हो सकता है।
विशेष नीति की भी जरूरत : पीके अग्रवाल ने कहा कि बिहार को विशेष पैकेज तो चाहिए ही, बिहार और इसके जैसे पिछड़ राज्यों के लिए विशेष नीति भी बननी चाहिए। हर राज्य की अलग भौगोलिक स्थिति है। इसे देखते हुए यह नीति तैयार होनी चाहिए। बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए यहां के लिए कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने वाली नीति की अपेक्षा है। गेहूं, मक्का, धान की पैदावार यहां प्रचुर मात्रा में होती है। इसे ध्यान मे ंरखकर यहां उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं। आम बजट में इस तरह का प्रावधान होने से रोजगार सृजन को भी बल मिलेगा। बिहार के कई जिले बहुत पिछड़े हैं, ऐसे जिलों की उन्नति का भी प्रावधान इस नीति में होनी चाहिए।
केंद्र सरकार लाए बड़ी इंडस्ट्री : विशेष प्रावधान के तहत केंद्र सरकार की ओर से कुछ बड़ी इंडस्ट्रीज की स्थापना बिहार में होनी चाहिए। इससे एक सकारात्मक संदेश जाएगा, और अन्य इंडस्ट्रीज भी यहां आने लगेंगी। बड़ी इंडस्ट्रीज को सपोर्ट करने वाली कई यूनिटें भी यहां लग सकती हैं।
बंद पड़ी चीनी मिलें फिर चालू की जाएं : बिहार में कई चीनी मिलें बंद पड़ीं हैं। इससे चीनी का उत्पादन बाधित तो हो ही रहा है, साथ ही यहां के श्रमिक भी बेरोजगार हैं। हमारी मांग है कि आम बजट में बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने का प्रावधान किया जाए।