बिहार कैबिनेट का फैसला: पॉलिथीन कैरी बैग पर बैन, पटना मेट्रो को मिले 17887.56 करोड़
पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 10:03 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में कुल 45 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पॉलिथीन कैरी बैग पर बैन लगा दिया गया। साथ ही मेट्रो रेल परियोजना को भी स्वीकृति दी गई।
मेट्रो रेल के लिए 17887.56 करोड़ रुपये स्वीकृत
बैठक में पटना मेट्रो रेल के लिए 17887.56 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इस परियोजना प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। यह स्वीकृति मेट्रो रेल परिशेजना के दूसरे फेज के लिए दी गई है।
पॉलिथीन कैरी बैग की बिक्री व उपयोग पर जुर्माना
साथ ही बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन विनियमन को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत पॉलिथीन कैरी बैग का उपयोग करने व बेचने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगमों, नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों की सीमा में ऐसे कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण के साथ ही उन्हें बेचने और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया गया। राज्य मंत्रिमंडल ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन विभाग के प्रस्ताव पर अगले 60 दिन के अंदर पॉलिथीन कैरी बैग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने और नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर दंड लगाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
आदेश के खिलाफ जाकर इसका किसी भी प्रकार से उपयोग करने पर अब सौ से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। अगर कोई पॉलिथीन बेचते पहली बार पकड़ा जाता है तो एक हजार रुपये, दूसरी बार पकड़ा जाएगा तो दो हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। इसके बाद पॉलिथीन बेचते पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। पॉलिथीन का इस्तेमाल करने वाले भी पहली बार पकड़े जाने पर 100, दूसरी बार पकड़े जाने पर 200 तथा इससे आगे पकड़े जाने पर 500 रुपये का जुर्माना देंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि पॉलिथीन कैरी बैग को नष्ट नहीं किया जा सकता। इस वजह से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है। तमाम तथ्यों के आकलन के बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 26 से मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए इसे प्रतिबंधित करने का फैसला हुआ है। सरकार का फैसला अधिसूचना जारी होने के 60 दिनों के अंदर प्रभावी हो जाएगा।
चिकित्सा पदाधिकारियों के लिए तैनात किए जाएंगे सुरक्षाकर्मी
बैठक में बिहार स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा कानून को भी स्वीकृति दी गई। अब चिकित्सा सेवा के पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए 70 करोड़ स्वीकृत
बैठक में कृषि के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए 70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। बागबानी विकास मिशन के लिए भी 41.26 करोड़ की योजना पर मुहर लगाई गई।
मेट्रो रेल के लिए 17887.56 करोड़ रुपये स्वीकृत
बैठक में पटना मेट्रो रेल के लिए 17887.56 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इस परियोजना प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजने को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। यह स्वीकृति मेट्रो रेल परिशेजना के दूसरे फेज के लिए दी गई है।
पॉलिथीन कैरी बैग की बिक्री व उपयोग पर जुर्माना
साथ ही बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन विनियमन को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत पॉलिथीन कैरी बैग का उपयोग करने व बेचने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगमों, नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों की सीमा में ऐसे कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण के साथ ही उन्हें बेचने और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया गया। राज्य मंत्रिमंडल ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन विभाग के प्रस्ताव पर अगले 60 दिन के अंदर पॉलिथीन कैरी बैग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने और नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर दंड लगाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
आदेश के खिलाफ जाकर इसका किसी भी प्रकार से उपयोग करने पर अब सौ से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। अगर कोई पॉलिथीन बेचते पहली बार पकड़ा जाता है तो एक हजार रुपये, दूसरी बार पकड़ा जाएगा तो दो हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। इसके बाद पॉलिथीन बेचते पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। पॉलिथीन का इस्तेमाल करने वाले भी पहली बार पकड़े जाने पर 100, दूसरी बार पकड़े जाने पर 200 तथा इससे आगे पकड़े जाने पर 500 रुपये का जुर्माना देंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि पॉलिथीन कैरी बैग को नष्ट नहीं किया जा सकता। इस वजह से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है। तमाम तथ्यों के आकलन के बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 26 से मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए इसे प्रतिबंधित करने का फैसला हुआ है। सरकार का फैसला अधिसूचना जारी होने के 60 दिनों के अंदर प्रभावी हो जाएगा।
चिकित्सा पदाधिकारियों के लिए तैनात किए जाएंगे सुरक्षाकर्मी
बैठक में बिहार स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा कानून को भी स्वीकृति दी गई। अब चिकित्सा सेवा के पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए 70 करोड़ स्वीकृत
बैठक में कृषि के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए 70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। बागबानी विकास मिशन के लिए भी 41.26 करोड़ की योजना पर मुहर लगाई गई।
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