बिहार कैबिनेट की बैठक में 42 प्रस्तावों पर मुहर, मॉब लिंचिंग को ले बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में 42 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। बैठक में लिए गए फैसलों की पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:12 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को संपन्न बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 42 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। बैठक में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के पीडि़तों या उनके परिवारों को एक लाख रुपये की अंतरिम मदद देने तथा मामले की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरी करने का निर्णय लिया गया।
मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस को ले हुआ बड़ा फैसला
राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस में पीडि़त को एक लाख से तीन लाख रुपये तक का मुआवजा देने का फैसला किया है। कैबिनेट ने बिहार हिंसा पीडि़त प्रतिकार स्कीम 2018 को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में तैयार किए गए इस प्रावधान के तहत मॉब लिंचिंग एवं मॉब वायलेंस में मृत या घायल व्यक्ति के लिए मुआवजा तय किया गया है।
कैबिनेट सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रावधान के लागू होने पर अब भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या, प्राणदंड या हिंसा की स्थिति में पीडि़तों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। पीडि़तों को घटना की तारीख से एक महीने के भीतर एक लाख रुपये की राशि अंतरिम राहत के रूप में दी जाएगी। मामले की सुनवाई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, जिसे किसी भी हाल में छह महीने के भीतर खत्म करना होगा।
पीडि़त परिवार को दो लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इस तरह पीडि़त-प्रभावित परिवार को मुआवजे के रूप में अधिकतम तीन लाख रुपये मिलेंगे। गंभीर रुप से घायल की स्थिति में पीडि़त को अधिकतम एक लाख एवं मानसिक आघात की स्थिति में 25 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है।
भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एसएसपी-एसपी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस तरह की वारदात में फौरन कार्रवाई की व्यवस्था की गई है। अनुसंधान पूरा करते हुए दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट दायर की जाएगी। घटना को रोकने में पुलिस के स्तर से लापरवाही बरतने पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये फैसले भी हैं महत्वपूर्ण
बैठक में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कैदियों की रिहाई के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इसके साथ लेखा लिपिक के 38 पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई। दो अक्टूबर 2018, छह अप्रैल 2019 और दो अक्टूबर 2019 को तीन चरण में कैदियों रिहा किया जाएगा।
इसके अलावा शिक्षा ऋण के लिए निगम को मजबूत करने तथा जमुई, अरवल, त्रिवेणीगंज,रजौली और जगदीशपुर में राजकीय महिला कॉलेज के भवन निर्माण के लिए 6.73 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। गैंडा संरक्षण के लिए भी 1.55 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
साथ ही कॉलेजो में बड़ी बहाली को लेकर फैसला लिया गया। बैठक में 23 डिग्री कॉलेजों के लिए 23 प्रिंसिपल, 1162 सहायक प्रोफेसर व 299 कर्मी के पद की सृजन को मंजूरी दी गई।
मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस को ले हुआ बड़ा फैसला
राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग और मॉब वायलेंस में पीडि़त को एक लाख से तीन लाख रुपये तक का मुआवजा देने का फैसला किया है। कैबिनेट ने बिहार हिंसा पीडि़त प्रतिकार स्कीम 2018 को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में तैयार किए गए इस प्रावधान के तहत मॉब लिंचिंग एवं मॉब वायलेंस में मृत या घायल व्यक्ति के लिए मुआवजा तय किया गया है।
कैबिनेट सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रावधान के लागू होने पर अब भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या, प्राणदंड या हिंसा की स्थिति में पीडि़तों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। पीडि़तों को घटना की तारीख से एक महीने के भीतर एक लाख रुपये की राशि अंतरिम राहत के रूप में दी जाएगी। मामले की सुनवाई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, जिसे किसी भी हाल में छह महीने के भीतर खत्म करना होगा।
पीडि़त परिवार को दो लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इस तरह पीडि़त-प्रभावित परिवार को मुआवजे के रूप में अधिकतम तीन लाख रुपये मिलेंगे। गंभीर रुप से घायल की स्थिति में पीडि़त को अधिकतम एक लाख एवं मानसिक आघात की स्थिति में 25 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है।
भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एसएसपी-एसपी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस तरह की वारदात में फौरन कार्रवाई की व्यवस्था की गई है। अनुसंधान पूरा करते हुए दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट दायर की जाएगी। घटना को रोकने में पुलिस के स्तर से लापरवाही बरतने पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये फैसले भी हैं महत्वपूर्ण
बैठक में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कैदियों की रिहाई के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इसके साथ लेखा लिपिक के 38 पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई। दो अक्टूबर 2018, छह अप्रैल 2019 और दो अक्टूबर 2019 को तीन चरण में कैदियों रिहा किया जाएगा।
इसके अलावा शिक्षा ऋण के लिए निगम को मजबूत करने तथा जमुई, अरवल, त्रिवेणीगंज,रजौली और जगदीशपुर में राजकीय महिला कॉलेज के भवन निर्माण के लिए 6.73 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। गैंडा संरक्षण के लिए भी 1.55 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
साथ ही कॉलेजो में बड़ी बहाली को लेकर फैसला लिया गया। बैठक में 23 डिग्री कॉलेजों के लिए 23 प्रिंसिपल, 1162 सहायक प्रोफेसर व 299 कर्मी के पद की सृजन को मंजूरी दी गई।
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