Bihar Budget Session 2021: बदला-बदला सा है सदन का मिजाज, चर्चा में रहे मंत्रियों पर उठे सवाल
Bihar Budget Session 2021 लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान के बेटे द्वारा योजना की जांच करने की खबर आम होने के बाद विधान परिषद में सभापति के आसन के समक्ष हंगामा करते विपक्ष के सदस्य। जागरण
पटना, आलोक मिश्र। बिहार में बजट सत्र, अब बस दो दिन का बचा है। इस सप्ताह भी कई विभागों के बजट पर चर्चा हुई, लेकिन इस चर्चा से ज्यादा चर्चा में रहे मंत्रियों पर उठे सवाल। इनमें एक मंत्री भाई के कारण तो दूसरे बेटे के कारण सुर्खियों में हैं। दोनों ही पहली बार मंत्री बने हैं। तीसरे मंत्री ने ऐसी बात कह दी कि खुद विधानसभा अध्यक्ष आहत होकर सदन से बाहर निकल गए। बात इस्तीफे तक आ गई, लेकिन कुछ देर बाद संभल भी गई। एनडीए की सरकार में ये तीनों मंत्री भाजपा कोटे से हैं और विधानसभा अध्यक्ष भी। विपक्ष इन सब पर पूरी तरह हमलावर रहा और अभी भी हमलावर है।
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा इस समय सदन बेहतर तरीके से चला रहे हैं, लेकिन गुरुवार को भाजपा कोटे से ही मंत्री बने सम्राट चौधरी उनसे भिड़ गए। आसन का असम्मान सभी को खला। हुआ यूं कि जब पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने विभाग से संबंधित सवाल पूछा तो अध्यक्ष ने यह कहकर जवाब खारिज कर दिया कि जवाब अधूरा है इसलिए स्थगित किया जाता है। मंत्री बैठ गए, फिर एक अन्य सदस्य के सवाल का जवाब देने उठे तो अध्यक्ष ने कह दिया कि व्यवस्था ऑनलाइन जवाब की है। आपके 14 में से केवल 11 के जवाब आए हैं। इस पर मंत्री बिफर गए, बोले कि ज्यादा व्याकुल होने की जरूरत नहीं है। व्याकुल शब्द अध्यक्ष जी के सम्मान से जुड़ गया। मामला मंत्री के माफी मांगने तक पहुंच गया। मंत्री भी अड़ गए। आहत होकर अध्यक्ष ने सदन छोड़ दिया और इस्तीफा देने की बात कहने लगे। बाद में मंत्री के माफी मांगने पर मामला शांत हुआ, तब जाकर सदन सुचारु रूप से चला।
यह मामला तो सदन की मयार्दा से जुड़ा था, लेकिन दूसरे मंत्रियों के मामले भिन्न हैं। पीएचईडी मंत्री हैं रामप्रीत पासवान। वह अपने पुत्र के साथ पूíणया जिला गए। एक दिन विभागीय कामकाज देखने के बाद लौट गए, लेकिन आरोप है कि उनके पुत्र ने विभागीय अमले के साथ दो दिन रुक कर वहां रुपौली प्रखंड में नल-जल योजना की जांच करनी शुरू कर दी। मामला उछल गया, तस्वीर इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गई, खबर आम हो गई। सदन में दूसरे दिन विपक्ष मंत्री और सरकार पर हमलावर हो गया। मंत्री जी सफाई देने को उठे, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। बेचारे थक-हार कर बैठ गए। बाहर निकल कर बोले कि ड्राइवर बीमार था इसलिए बेटे को बतौर ड्राइवर ले गया था। विपक्ष खामखां मुद्दा बना रहा है। यह सब कार्यपालक अभियंता की साजिश है मुङो फंसाने की। अब मंत्री जी जो कहें, लेकिन जब बात निकलती है तो कई अर्थो में निकलती है। विभाग से लेकर क्षेत्र में खबर है कि मामला कुछ और है। मंत्री जी वायरल फोटो के स्थान पर सवाल उठा रहे हैं और विपक्ष सदन में उन पर।
इनके अलावा राजस्व एवं भूमिसुधार मंत्री रामसूरत राय विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के निशाने पर हैं। मंत्री जी के भाई का एक स्कूल है मुजफ्फरपुर जिले के औराई में। वहां पिछले साल नवंबर माह में शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। उस समय चुनावी माहौल था। शराब के साथ तीन लोग पकड़े गए थे। शराबबंदी की सफलता नीतीश का सर्वोच्च एजेंडा है। इसलिए शराबबंदी को नाकाम बताने वाली राजद को रामसूरत के रूप में बढ़िया मुद्दा मिल गया। उन्हें हटाने को लेकर सदन में कई बार गर्मा-गर्मी हुई। मंत्री जी सफाई दे रहे हैं कि स्कूल भाई का है, वर्षो पहले ही उनमें बंटवारा हो चुका है। भाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
अगर वह दोषी है तो उसे सजा दी जाए, लेकिन तेजस्वी इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं। चूंकि सरकार ने एलान कर रखा है कि जिस भवन या गोदाम में शराब बरामद होगी वहां थाना खुलेगा। अब तेजस्वी नीतीश को याद दिला रहे हैं कि अगर एक सप्ताह में थाना नहीं खुला तो वह मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे। रामसूरत और तेजस्वी दोनों एक ही जाति के हैं। भाजपा यादव वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए रामसूरत को बढ़ाने में लगी है, लेकिन उनके स्कूल में शराब लदा ट्रक बरामद होने से तेजस्वी के पत्ते ऊपर हो गए हैं। अब इसे जाति की लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा है।
[स्थानीय संपादक, बिहार]