Bihar Budget 2021: बजट में नवाचार, बिहार सरकार स्कूलों में भी देगी कृषि की शिक्षा, खुलेंगे एग्रीकल्चर कॉलेज
बिहार बजट 2021-22 में सरकार ने स्कूली पाठ्क्रम में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रावधान किया है। नए कृषि महाविद्यालय भी खोले जाएंगे। आत्मनिर्भर भारत के तहत फारमर्स प्रोड्यूसर कंपनियों को प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। कृषि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी जोर दिया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। सरकार बिहार में 70 फीसद लोगों के जीविका से जुड़े कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने जा रही है। 2021-22 के बजट में सरकार ने स्कूली पाठ्क्रम में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रावधान किया है। बजट भाषण में उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नए कृषि महाविद्यालय खोलने पर भी जोर दिया है।
अहम यह है कि आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत फारमर्स प्रोड्यूसर कंपनियों को प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सरकार विशेष कार्यक्रम चलाएगी। बिहार एग्री वैल्यू चेन सिस्टम और बिहार लघु कृषक कृषि व्यापार संघ को सुदृढ़ किया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत खेत के स्तर पर आधारभूत संरचना के विकास के लिए कार्यक्रम चलाएंगे। सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि विभाग के बजट में स्कीम मद में 2533.38 करोड़ रुपये और स्थापना मद में 801.5923 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
कृषि शोध पर बल
सरकार ने बजट में कृषि रोड मैप के विभिन्न कार्यक्रमों पर बल दिया है। जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को प्राथमिकता के कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। कृषि शोध एवं शिक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था के लिए नए कृषि महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक में प्रशिक्षण देने के लिए किसान चौपाल, किसान मेला, किसान पाठशाला और किसानों के परिभ्रमण का कार्यक्रम पर सरकार बल देगी।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के बजट में 32 फीसद का इजाफा
पशुओं के स्वास्थ्य एवं बीमारियों से रोकथाम के लिए सरकार मुफ्त इलाज का प्रबंध करेगी। खुरहा, मुंह पका रोग, गलाघोंटू एवं लंगड़ी बुखार रोग, भेड़-बकरियों की सुरक्षा के लिए पीपीआर रोग के विरूद्ध टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
पिछली बार के तुलना में 2021-22 के बजट में 32.47 फीसद अधिक राशि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को दिया गया है। सरकार ने योजना मद में विभाग को 1176.96 करोड़ रुपये और स्थापना मद में 384.76 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बजट में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को कुल 1561.72 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए पशुपालन, मछली पालन, दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि पेशा को महत्वपूर्ण मानकर विकास का आधार बनाएगी।