जेनरेटर का चैंबर फटने से डूब गई थी गंगा में नाव
पटना में हुई नाव दुर्घटना का कारण नाव में लगे जेनरेटर के चैंबर का फटना बताया जा रहा है। चैंबर के फटने से नाव असंतुलित हो गई और डूब गई, जिसमें 24 लोग गंगा की गोद में समा गए।
पटना [जेएनएन]। मकर संक्रांति के दिन पटना के गंगा दियारा में हुए दर्दनाक हादसे का कारण नाव के जेनरेटर के चैंबर का फटना सामने आ रहा है।
पतंगोत्सव में शामिल होने गए लोगों को लेकर लौट रही नाव जेनरेटर का चैंबर फट गया और चैंबर फटने से तेज धमाका हुआ तो नाव पर अफरातफरी मच गई। नाव डगमगाई, इससे पानी भरा और नाव गंगा में समा गई।
नाव हादसे के बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और इसे लाखों लोगो ने देखा है और खूब शेयर किया है। वायरल हुए विडियो में भी दिख रहा है कि नाव के गंगा में समाने से पहले काले धुएं का गुबार निकला जो जेनरेटर का चैंबर फटने से हुआ था।
विशेषज्ञों की मानें तो क्षमता से अधिक लोगों के सवार होने पर जेनरेटर लोड नहीं उठा पाता है। ऐसी स्थिति होने पर नाविक ने जेनरेटर की स्पीड बढ़ाई होगी जिससे चैंबर फट गया। कुछ नाविकों ने बताया कि इस नाव में 20-25 आदमी भी अधिक होते। पर हादसे के दिन इस नाव में करीब 70 लोग सवार हो गए थे।
वीडियो में धुएं के कारण दिख रही दो नाव
नाव डूबने के दौरान कई विडियो वायरल हुए। इनकी भी पड़ताल की गई। दरअसल नाव के बीच में लगे जेनरेटर से उठ रहे धुएं के कारण लग रहा था कि दो नाव है। लोग प्रशासन को दो नाव डूबने की खबर देते रहे। एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पानी के भीतर डीप ड्राइवर ने तलाशी की, लेकिन एक ही नाव मिली।
हादसे के वीडियो में दिख रहा मौत का खौफनाकर मंजर
खासकर इस हादसे का हालिया वीडियो जो सामने आया है वो बेहद हैरान कर देने वाला है। यह मंजर मौत के आगोश से कुछ पहले का है। लोग पतंग महोत्सव से भागकर लौट रहे थे। नाव पर खचाखच लोग भरे हुए थे।नदी के दूसरे तट की तरफ उनके अपने इंतजार कर रहे थे।
अचानक नाव डूबने लगी और चीख-पुकार मच गई। अब बस कुछ ही लफ्ज फिजा में गूंज रहे थे। नाव डूब रही है... कोई तो बचाओ... अरे नदी में कूदो... कोई तैरकर उसे बचाओ...नाव में बच्चे भी हैं.....कोई तो उन्हें निकालो...
तब तक नाव में पानी पूरी तरह भर चुका था। पलक झपकते ही नाव पूरी तरह डूब गई और नदी में लोगों के सिर ही दिख रहे थे। हर कोई तैरने के लिए हाथ-पांव मार रहा था। मौत को सामने देख हर किसी की सांसें फूल रही थी।
उनमें कम ही लोग ऐसे थे जो तैरना जानते थे और शायद उन्हीं में मौत को मात देने का जज्बा भी था। पर बाकी लोग उतने खुशनसीब नहीं थे। चंद मिनटों में कई लोग धीरे-धीरे नदी में डूबने लगे और नदी के किनारे खड़े लोग बस चिल्लाने के सिवा कुछ नहीं कर पाए।
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टूटी नहीं थी नाव
कुछ लोग कयास लगा रहे थे कि नाव टूटकर दो हिस्से में बंट गयी। लेकिन जब नाव बाहर आई तो वह दो फाड़ नहीं हुई थी, न ही कहीं कोई छेद था, इससे साबित होता है कि जेनरेटर का चैंबर फटा और नाव अपना संतुलन खो बैठी और डूब गई।
डूबी नाव 15 साल पुरानी थी
जिस नाव ने 24 जिंदगियों को काल के गाल में डूबो दिया, वह 15 साल से भी अधिक पुरानी थी। स्थानीय नाविकों और अब तक गंगा से 24 शव निकाल चुके गोताखोर राजेंद्र सहनी का कहना है कि नाव 15 साल से ज्यादा पुरानी थी।
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एक तो पुरानी नाव और उस पर क्षमता से अधिक लोग सवार हो गए, जिससे हादसा हुआ। पुलिस के अनुसार नाव सबलपुरा दियारा निवासी अशोक राय की है। अशोक ने एक गुट बना रखा है जिसकी करीब 28 नावें चलती हैं। घटना के बाद से अशोक फरार है।
अबतक 24 शव निकाले जा चुके हैं
नाव हादसे में अब तक 24 शव निकाले जा चुके हैं। सभी की पहचान हो गई है। डूबे लोगों की तलाश में रविवार सुबह सवा छह बजे से ही एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लग गयी थी।
सबसे पहले डूबी नाव को निकाला गया। उसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। देर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। सोमवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा। सबलपुर दियारा पर सुबह से ही छपरा व पटना के डीएम-एसपी कैंप कर रहे थे।