उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने वाले स्कूल-कॉलेजों का बोर्ड ने रोका अनुदान
बिहार बोर्ड ने अनुदान लेने के बावजूद उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने वाले स्कूल-कॉलेजों पर उठाया सख्त कदम
पटना। बिहार बोर्ड ने अनुदान लेने के बावजूद उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने वाले स्कूल-कॉलेजों का अनुदान रोक दिया है। बोर्ड ने 56 इंटर कॉलेजों एवं 66 हाईस्कूलों का अनुदान रोका है। इनमें से कई स्कूल कॉलेज अनुदान लेने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा कई कॉलेजों के प्रबंधन समिति के बीच विवाद है, जिसकी जांच बोर्ड द्वारा कराई जा रही है। पटना जिले के विक्रम प्रखंड के राम जतन प्रसाद महाविद्यालय को सत्र 2009-11 में अनुदान दिया गया, उसकी उपयोगिता प्रमाणपत्र बोर्ड को अभी तक नहीं मिला है। इसके लिए बोर्ड ने कॉलेज को रिमाइंडर भी भेजा है, लेकिन बोर्ड को अभी तक जवाब नहीं मिला है। वहीं दूसरी ओर मसौढ़ी स्थित रामरूप प्रसाद कॉलेज के प्राचार्य एवं अध्यक्ष पति-पत्नी हैं। ऐसे में कॉलेज की जांच चल रही है। वहीं नालंदा के अयोध्या प्रसाद महिला महाविद्यालय, बिहारशरीफ को सत्र 2008-10 में अनुदान दिया गया था, लेकिन कॉलेज ने अभी तक उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं जमा किया है। बिहार बोर्ड ने कुल 122 स्कूल एवं इंटर कॉलेजों का अनुदान रोका है। इनमें से अधिकांश की जांच कराई जा रही है।
मालूम हो कि बिहार बोर्ड द्वारा वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत प्रतिवर्ष बच्चों के पास होने के आधार पर अनुदान दिया जाता है। लेकिन कई कॉलेजों ने अनुदान लेकर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया, जिससे बोर्ड को सख्त कदम उठाना पड़ रहा है।
इंटर में नामांकन को 581 कॉलेजों की सूची जारी : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर में नामांकन के लिए 581 इंटर कॉलेजों की सूची जारी कर दी है। इन कॉलेजों के संबंध में बोर्ड ने 7 जुलाई तक आपत्ति मांगी है। इसके पहले बोर्ड ने 2836 इंटर स्कूलों एवं कॉलेजों की सूची वेबसाइट पर जारी की थी।
समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर के अनुसार आठ जुलाई से इंटर में नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके पहले बोर्ड ने 581 इंटर कॉलेजों के संबंध में शिकायत मांगी है। उसके बाद आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। छात्र ओएफएसएस के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। प्रत्येक छात्र को बीस कॉलेजों का विकल्प चुनने का अधिकार दिया गया है। सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कॉलेजों को पहली प्राथमिकता देनी होगी। बोर्ड बच्चों द्वारा दिए गए विकल्प में ही नामांकन का अवसर प्रदान करने की कोशिश करेगा। बोर्ड द्वारा दिए गए विकल्प के अनुसार छात्रों को नामांकन लेना अनिवार्य होगा। इस वर्ष ऑफलाइन आवेदन का अवसर अभी तक नहीं किया गया है। बोर्ड की कोशिश है कि मैट्रिक पास करने वाले परीक्षार्थी वसुधा केंद्रों से इंटर में नामांकन के लिए आवेदन करें।