बिहार टॉपर स्कैम: इस 'म्यूजिक ब्वॉय' के मैजिक से याद आई 'प्रोडिकल गर्ल' रूबी
बिहार बोर्ड के इंटर आर्ट्स टॉपर गणेश को फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसका रिजल्ट भी निलंबित कर दिया गया है। उसने बीते साल के फर्जी टॉपर रूबी राय की याद दिला दी है।
पटना [अमित आलोक]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) के इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार का रिजल्ट आखिरकार निलंबित कर दिया है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, उसे उम्र के घपले में गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पिछले साल की टॉपर रूबी राय की तरह उसकी योग्यता भी सवालों के घेरे में है। इस साल के फर्जी टॉपर गणेश कुमार ने बीते साल के फर्जी टॉपर रूबी राय की याद दिला दी है।
रूबी ने 'पॉलिटिकल साइंस' को बताया था 'प्रोडिकल साइंस'
बिहार बोर्ड ने मंगलवार को इंटर के सभी संकायों के रिजल्ट जारी कर दिए। यह वही बोर्ड है, जिसने पिछले साल रूबी राय को आर्ट्स टॉपर बना दिया था। तब रूबी राय ने मीडिया इंटरव्यू में 'पॉलिटिकल साइंस' को 'प्रोडिकल साइंस' बताया था। बाद में पता चला था कि उसने उत्तर पुस्तिकाओं में कविताएं व रोमांटिक गाने लिखे थे। वे उत्तरपुस्तिकाएं बदल दी गईं थीं।
हाजीपुर में बिषुण देव राय कॉलेज की छात्रा रूबी राय बीते साल जून में अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गई थी। बिहार बोर्ड की इंटर आर्ट्स परीक्षा में टॉप करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उसकी मेधा की पोल खुल गई थी। मीडिया से बातचीत में उसने राजनीति विज्ञान को ‘प्रोडिकल साइंस’ बताया था। आगे उसने यह भी कहा था कि इस विषय के तहत 'खाना बनाने' की पढ़ाई होती है। रूबी के अलावा साइंस टॉपर भी मीडिया से बातचीत में विषय की मूलभूत जानकारी तक नहीं दे सका।
जांच में खुलती गई घोटाले की पोल
इसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार ने जांच के आदेश दिए। पुलिस अनुसंधान में घोटाले की परतें उतरती चली गईं। रूबी सहित सभी फर्जी टॉपरों के रिजल्ट रद कर दिण् गए। जांच की जद में बोर्ड के अध्यक्ष व सचिव सहित कई सफोदपोश लोग आते गए।
बीते साल रूबी राय के बहाने उजागर बिहार बोर्ड के घोटाला की जांच के दौरान पता चला कि रूबी की उत्तरपुस्तिकाओं पर लिखाई उसके हाथ की नहीं थी, बल्कि विशेषज्ञों की थी। दरअसल, ये कॉपियां बाद में बदल दी गईं थीं। रूबी ने अपनी मूल कॉपियों में 300 बार 'तुलसीदास प्रणाम' और 101 रोमांटिक फिल्मों के नाम लिखे थे। इसके अलावा कुछ कविताएं लिखी थीं।
...और इस साल के टॉपर को नहीं सुर-ताल की समझ
अब बात करें इस साल के फर्जी आर्ट्स टॉपर गणेश की। उसे संगीत की प्रैक्टिकल परीक्षा में 70 में से 65 नंबर मिले हैं, लेकिन न उसे सुर की समझ है, न ताल की। सारेगामा और हारमोनियम का तनिक सा ज्ञान है। यह भी याद नहीं कि संगीत और हिंदी में किस तरह के सवाल पूछे गए थे। सुर-ताल भी नहीं समझता। खास बात यह है कि वह खुद हैरान था कि वह टॉप कैसे कर गया?
गणेश कुमार को परीक्षा में 500 में 429 अंक मिले थे। वह झारखंड के गिरिडीह के सरिया का रहने वाला है, लेकिन उसने बिहार के समस्तीपुर से परीक्षा दी। साधनविहीन स्कूल में पढऩे के बाद भी म्यूजिक प्रैक्टिकल परीक्षा में उसे 70 में से 65 अंक मिल गए। हिंदी में 92 नंबर आए हैं।
उम्र के फर्जीवाड़ा का आरोप, गिरफ्तार
बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में सामान्य उम्र 17 साल होती है, लेकिन उसने कथित रूप से 24 वर्ष में परीक्षा दी। गणेश ने उम्र को घटा कर पहले मैट्रिक की परीक्षा दी, फिर इस साल इंटर में टॉप कर गया। बोर्ड की जांच में उसकी वास्तविे उम्र 42 साल निकली। वह दो बच्चों का पिता भी है। उम्र के फर्जीवाड़ा में बोर्ड ने उसके रिजल्ट को निलंबित करते हुए एफआइआर दर्ज करा दी है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
हर सवाल पर घबराया-सकपकाया
इसके पहले गुरुवार को गणेश कुमार समस्तीपुर के चकहबीब स्थित अपने स्कूल में पहुंचा। जागरण से हुई बातचीत में वह किसी प्रश्न का सही जवाब नहीं दे पा रहा था। कभी सकपकाया तो कभी घबराया। म्यूजिक के संबंध में पूछने पर 'सा...रे....गा....मा' सुना पाया। हां, उसने हारमोनियम जरूर बजाकर दिखाया।
गणेश म्यूजिक के चर्चित राजघरानों के संबंध में भी सही उत्तर नहीं दे सका। उसने साफ कहा कि संगीत विषय लेकर उसने परीक्षा इसलिए दी, क्योंकि इस विषय में अधिक नंबर अधिक आते हैं।
म्यूजिक से टॉपर देने वाले स्कूल में म्यूजिक टीचर नहीं
गणेश ने समस्तीपुर के जिस रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय (शिवाजीनगर) से परीक्षा फॉर्म भरा, वह साधनविहीन है। स्कूल स्थानीय नेता जवाहर प्रसाद सिंह परिवार से जुड़ा है। उनके बेटे अभितेंद्र प्रभारी प्रिंसिपल हैं। 2013 में बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन प्रो. राजमणि प्रसाद सिंह ने संबद्धता प्रदान की थी। स्कूल में संगीत व हिंदी के अच्छे शिक्षक भी नहीं हैं।
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गणेश ने जब फॉर्म भरा तो होम साइंस, म्यूजिक, हिंदी, अंग्रेजी, मनोविज्ञान विषय लिए। बाद में होम साइंस के स्थान पर उसने सोशल साइंस ले लिया। प्रभारी प्राचार्य की मानें तो नामांकन की तिथि हेड क्लर्क की गलती के कारण फॉर्म पर दर्ज नहीं हो सकी। म्यूजिक टीचर के आलोक कहते हैं कि पहले महिला शिक्षक थीं। फिलहाल गेस्ट टीचर से काम चलाया जा रहा है।
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