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सुशील मोदी ने खोली लालू की पोल, बोले- राबड़ी के राज में ही बंद हो गए थे उनके बनाए अस्‍पताल

Bihar Politics सुशील मोदी ने कहा कि लालू ने जिस रेफरल अस्पताल की फोटो ट्वीट की है उसका निर्माण घटिया था और वहां डाक्टर-नर्स की कोई व्यवस्था न होने से वह उद्घाटन के बाद से ही बंद था। एनडीए सरकार आने पर उस परिसर में नया अस्पताल बना।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 10:42 PM (IST)
सुशील मोदी ने खोली लालू की पोल, बोले- राबड़ी के राज में ही बंद हो गए थे उनके बनाए अस्‍पताल
सुशील कुमार मोदी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार के ग्रामीण इलाकों में जर्जर और बदहाल स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों की तस्‍वीरें इंटरनेट मीडिया पर साझा करते हुए राजद आजकल बिहार की सरकार पर खूब हमलावर है। खुद लालू प्रसाद यादव, उनके दोनों बेटे तेजस्‍वी यादव, तेज प्रताप यादव और बेटी रोहिणी आचार्य लगातार अपने इंटरने‍ट मीडिया अकाउंट से ऐसे अस्‍पतालों की तस्‍वीरें शेयर कर रही हैं, जो बंद हो चुके हैं, या जहां अब डॉक्‍टर नहीं जाते। ऐसे अस्‍पतालों को लेकर बिहार भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य ने लालू और उनकी पार्टी को करारा जवाब दिया है। उन्‍होंने कहा कि लालू के बनाए कई अस्‍पताल तो उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी के कार्यकाल में ही बंद हो गए थे।

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लालू-राबड़ी को सालगिरह की बधाई देते हुए कसा तंज

राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने मंगलवार को जारी बयान में राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर शादी की वर्षगांठ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि लालू-राबड़ी को शादी की सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस मौके पर उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए सहरसा और कुछ अन्य स्थानों पर जो रेफरल अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले थे, वे उनकी पत्नी राबड़ी देवी के कार्यकाल में ही क्यों जर्जर होकर बंद हो गए।

किया दावा- एनडीए सरकार ने बदहाल भवनों की जगह बनाए नए अस्‍पताल

सुशील मोदी ने कहा कि लालू ने जिस रेफरल अस्पताल की फोटो ट्वीट की है, उसका निर्माण घटिया था और वहां डाक्टर-नर्स की कोई व्यवस्था न होने से वह उद्घाटन के बाद से ही बंद था। एनडीए सरकार आने पर उस परिसर में नया अस्पताल बना। लालू-राबड़ी राज में 300 करोड़ रुपये का दवा घोटाला होने का मामला विधान सभा में उठा था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने घोटालेबाजों को बचाने के लिए इसकी सीबीआइ जांच नहीं कराई। बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के बीच अस्‍पतालों को लेकर राजनीति परवान पर है।


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