Bihar Assembly Eletion 2020: कांग्रेस के हाथ लगा नया कृषि कानून , पूरे राज्य में होगा धरना प्रदर्शन
Bihar Assembly Eletion 2020 कांग्रेस ने बनाई विधानसभा चुनाव में पहले की कोई गलती नहीं दोहराने की रणनीति। चुनाव के बीच कांग्रेस के हाथ लगा नया कृषि कानून तुरुप के इक्के जैसा है। जिसे पार्टी पूरे बिहार में भुनाएगी।
पटना, राज्य ब्यूरो।Bihar Assembly Eletion 2020: बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Poll) में कांग्रेस (Congress) पहले की कोई गलती नहीं दोहराएगी। डेढ़ दशक (one and a half decade) में की गई अपनी गलतियों से इस सबसे पुरानी पार्टी ने कई सबक लिए हैं। यही वजह से है 2020 के चुनाव में वह अपना हर कदम बहुत सोच-समझ कर रख रही है। पार्टी इस चुनाव जीत का लक्ष्य निर्धारित कर अपना हर कदम उठा रही है और यह कोशिश भी कर रही है कि पार्टी की रणनीति की जानकारी सार्वजनिक ना होने पाए। विधानसभा चुनाव 2020 में जीत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कांग्रेस ने अपनी चुनावी तैयारियां करीब चार महीने पहले ही शुरू कर दी थी। लगातार बैठकें कर पार्टी ने संभावित चुनाव के छोटे से छोटे पहलू पर मंथन किया और अब उसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
अब मुख्य मुद्दा होगा नया कृषि कानून
पार्टी सूत्र बताते हैं कि उत्तर बिहार (North Bihar) की तर्ज पर पार्टी दक्षिण बिहार (South Bihar) के जिलों में भी वर्चुअल रैलियां करेगी, लेकिन इन रैलियों का मुख्य मुद्दा (agenda) नया कृषि कानून होगा। तैयारियां कुछ ऐसी हैं कि एक ओर पार्टी की विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली चल रही होगी तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता सत्ता पक्ष पर जमीनी हमले भी कर रहे होंगे। विश्लेषक मानते हैं कि चुनाव के बीच कांग्रेस के हाथ लगा नया कृषि कानून तुरुप के इक्के जैसा है। जिसे कांग्रेस पूरे बिहार में भुनाएगी। दक्षिण बिहार के साथ ही प्रखंड से जिला तक कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन लंबा चलेगा। आयोजन के जरिए जहां पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन होगा, वहीं राज्यपाल से मुलाकात कर कांग्रेसी कानून वापसी का ज्ञापन भी सौपेंगे। पार्टी सूत्र (Party sources) बताते हैं कि एक-दो दिन के अंदर पार्टी अपने आयोजन की जानकारी सार्वजनिक कर सकती है।
उत्तर बिहार में 85 से अधिक वर्चुअल रैलियां
पार्टी ने सबसे पहले रणनीति के तहत उत्तर बिहार के 20 जिलों में अपनी जमीन को मजबूती देने के लिए 85 से अधिक वर्चुअल रैलियां (Virtual Rally) की। जिनके जरिए उसने केंद्र की मोदी सरकार के साथ ही बिहार की नीतीश कुमार की सरकार को कई मुद्दों पर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। यह बहस का मुद्दा हो सकता है कि कांग्रेस अपने आयोजन में सफल हो पाई या नहीं, लेकिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी में आई जान से बेहद संतुष्ट है। उत्तर बिहार के सिलसिले को अब आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस ने दूसरे चरण में निगाहें दक्षिण बिहार के जिलों पर की है।