Bihar Assembly Election: कोरोना काल में बढ़ाए जा रहे 33 हजार बूथ, अब कार्यकर्ताओं की बल्ले-बल्ले
Bihar Assembly Election बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बूथों की संख्या बढ़ाई जा रही है। ऐसे में सियासी दलों को वहां बूथ एजेंट की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए दलों ने पहल शुरू कर दी है।
पटना, रमण शुक्ला। Bihar Assembly Election: विधानसभा चुनाव में कोरोना (CoronaVirus) के कारण बूथों की संख्या में 33 हजार का इजाफा होने जा रहा है। ऐसे में सियासी दलों (Political parties) को नए सिरे से बूथ लेवल एजेंट (BLA) की संख्या बढ़ानी होगी।
बूथों को 73 हजार से 1.06 लाख करने की तैयारी
वर्तमान में करीब सभी बूथों पर चार प्रमुख दलों (भाजपा और कांग्रेस के अलावा राजद और जदयू) के बूथ अध्यक्ष हैं, लेकिन बढ़े हुए बूथों के लिए नए सिरे से जिम्मेदारी तय करनी होगी। चुनाव आयोग की तैयारी के मुताबिक बिहार में अभी करीब 73 हजार बूथ हैं, जिन्हें बढ़ाकर एक लाख छह हजार करने की तैयारी है। ऐसे में यह तय है कि दलों के अंदर सवा लाख से अधिक जमीनी कार्यकर्ताओं की अहमियत बढऩे वाली है। आयोग के निर्देश के बाद इस पहल को अमलीजामा पहनाने की कवायद भी पार्टियों ने तेज कर दी है।
राजद के सर्वाधिक बीएलए, सबसे कम कांग्रेस के
बीएलए के बाबत पार्टियों द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को जो जानकारी दी गई है, उसके सर्वाधिक बीएलए राजद के पास हैं। उसके बाद भाजपा का नंबर आता है। तीसरे स्थान पर जदयू और चौथे पर कांग्रेस है। वर्तमान के कुल बूथों के आधार पर बात करें तो भाजपा के पास 38 हजार सात सौ 13 बीएलए हैं। जदयू के पास 26 हजार आठ सौ 64, जबकि राजद ने 50 हजार दो सौ 68 बूथों पर बीएलए बना लिए हैं। लोजपा ने अभी तक महज दो हजार पांच सौ 42 बीएलए बनाए हैं।
सभी जिलों में किसी के पास बीएलए नहीं
वर्तमान में बिहार का कोई भी ऐसा दल नहीं, जिसके पास सभी 38 जिलों में बीएलए हों। भाजपा के पास 36 जिले में बीएलए हैं। पूर्णिया और अररिया में पार्टी ने अभी बीएलए नहीं बनाया है। कांग्रेस द्वारा महज पांच जिलों में बीएलए बनाए गए हैं। जदयू ने भी कई जिलों में अभी बीएल नहीं बनाया है। राजद के पास फिलवक्त लखीसराय और मधुबनी जिले में बीएलए नहीं हैं। राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त दलों की बात करें तो राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के पास सिर्फ तीन जिलों में 218 बूथों पर ही बीएलए हैं।