Bihar Assembly Election: LJP की बैठक में बड़ा फैसला, JDU के खिलाफ प्रत्याशी उतार सकते हैं चिराग
Bihar Assembly Election 2020 दिल्ली में सोमवार को बिहार एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। चिराग व नीतीश के तनाव के बीच मांझी की एंट्री को देखते हुए बैठक बेहद अहम रही।
पटना, जेएनएन। Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को लेकर सोमवार का दिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए बेहद अहम रहा। खास कर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक पर सबकी नजरें टिकी रहीं। दिल्ली में बुलाई गई इस बैठक में एलजेपी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अहम फैसले किए। बैठक में सीट शेयरिंग (Seat Sharing) के साथ जनता दल यूनाइटेड (JDU) के साथ पार्टी के रिश्तों पर भी चर्चा हुई। बैठक में चिराग ने स्पष्ट किया कि जरूरत पड़ी तो एलजेपी विधानसभा चुनाव में जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतार सकती है। पार्टी 143 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि, इसपर फैसला लेने का अभी वक्त नहीं आया है।
विदित हो कि चिराग पासवान (Chairag Paswan) इस दिनों बिहार की नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच एनडीए में शामिल हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) ने चिराग पासवान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
संसदीय बोर्ड का सुझाव: 143 सीटों पर चुनाव लड़े एलजेपी
एलजेपी के बिहार संसदीय बोर्ड की दिल्ली में सोमवार को बैठक हुई, जिसमें विधानसभा चुनाव में पार्टी को 143 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा हुई। एलजेपी अब तक 119 सीटों के लिए प्रत्याशियों के साथ बात कर रही थी। संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने जेडीयू के खिलाफ तल्ख रवैया अपनाया और कहा कि अगर जरूरत पड़े तो पार्टी जेडीयू के खिलाफ भी प्रत्याशी उतारे। पार्टी ने इसपर फैसला के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को अधिकृत कर दिया। हालांकि, चिराग ने कहा कि अभी इस तरह का फैसला करने का समय नहीं है। वैसे किसी भी परिस्थिति में चुनाव लडऩे के लिए तैयार रहें।
पार्टी नेताओं से चिराग बोले: मांझी को नहीं करें टारगेट
बैठक में जीतन राम मांझी के उन वक्तव्यों पर भी चर्चा हुई, जिसके तहत उन्होंने चिराग पासवान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने की नसीहत दी थी। इसपर चिराग पासवान ने कहा कि वे बिहार के बारे में सच बोलने से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, उन्होंने पार्टी को मांझी के खिलाफ कोई बयान नहीं देने का निर्देश दिया।
एनडीए में सीटों को लेकर फंसा है पेंच
एनडीए में विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक बात नहीं बन सकी है। एलजेपी जुलाई तक सीटों का बंटवारा कर चुनावी तैयरियां करना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बताया जाता है कि एलजेपी 2015 के विधानसभा चुनाव के फॉर्मूले के आधार पर सीटें चाहती है। उस चुनाव में पार्टी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि बदली परिस्थितियों में इस बार उसे 25 से 27 सीटों का ही ऑफर किया जा रहा है। चिराग पासवान इसके लिए तैयार नहीं हैं। बात विधानसभा चुनाव में सीटों की करें तो मांझी के एनडीए में आने के बाद समीकरण और उलझते दिख रहे हैं।
नीतीश कुमार पर हमलावर चिराग
चिराग पासवान बीते कुछ समय से बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं। प्रवासियों को रोजगार का मुद्दा हो या गरीबी रेखा के नीचे के 1.45 करोड़ लोगों को राशन कार्ड का, कोरोना जांच हो या एससी-एसटी का मुद्दा हो, चिराग ने सरकार को घेरा है। बिहार में कानून-व्यवस्था व भ्रष्टाचार के मुद्दाें पर भी वे नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं। जेडीयू से श्याम रजक की बर्खास्तगी पर भी उन्होंने सवाल उठाए। हाल ही में जब उन्होंने कोरोना जांच की असंतोषजनक स्थिति को लकर बयान दिए तो जेडीयू के सब्र का बांध टूट गया। जेडीयू के ललन सिंह जैसे बड़े नेता ने भी चिराग की आलोचना के लिए माेर्चा खोल दिया। हालांकि, चिराग पासवान के अपने तर्क रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने जनसमस्याओं को सरकार तक पहुंचाया है, न कि सरकार की आलोचना की है।
मांझी की एंट्री के साथ खुले दो मोर्चे
लेकिन इस बीच जीतनराम मांझी की एनडीए में एंट्री ने चिराग के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है। मांझी को एनडीए में रामविलास पासवान और चिराग पासवान के दलित चेहरे की काट के रूप में देखा जा रहा है। उधर, एनडीए में आने के साथ जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान और एलजेपी पर हमले भी शुरू कर दिए हैं। मांझी एनडीए में चिराग के नीतीश कपर हमले का जवाब दे रहे हैं और जेडीयू चुप हो गई है। हालांकि, चिराग पासवान मांझी के हमले का जवाब नहीं देकर नीतीश कुमार को ही निशाने पर रखने की रणनीति पर चल रहे हैं। इस मामले में भारतीय जनता पाटी (BJP) ने भी मौन साध लिया है। इससे एनडीए में चिराग के लिए दो मोर्चे खुल गए हैं।
भविष्य को ले बड़ा फैसला ले सकते हैं चिराग
बहरहाल, एनडीए में चिराग के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं दिख रहीं, लेकिन उनके तेवर बरकरार हैं। दिल्ली में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक के एक दिन पहले उन्होंने एससी-एसटी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा। इस बीच एलजेपी की बिहार की सभी विधानसभा सीटो पर चुनावी तैयारियां जारी हैं। ऐसे में चिराग पासवान एनडीए में अपने भविष्य को लेकर कभी भी कोई बड़ा फैसला भी ले सकते हैं। कम-से-कम विपक्ष को इसकी उम्मीद जरूर है।