Bihar Assembly Election :बिहार के महासमर में सात सितंबर के बाद रेस पकड़ेगी जमीनी लड़ाई
Bihar Assembly Election नीतीश कुमार का निश्चय संवाद और कांग्रेस का बिहार क्रांति महासम्मेलन सात सिंतबर को है। राजद वीआइपी वामदल भी चुनावी लड़ाई को धार देने में जुटे हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Prannav Mukharji) के निधन ने राजनीतिक गतिविधियों में अचानक ब्रेक लगा दिया है। राजकीय शोक को देखते हुए जदयू-कांग्रेस जैसे दलों में फिलहाल राजनीतिक गतिविधियां (Political activities) भी करीब-करीब ठप हो गई हैं। लेकिन, यह विराम लंबा नहीं चलेगा। विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की जमीनी लड़ाई सात सितंबर के बाद फिर रेस पकड़ेगी।
राज्य के मुख्यमंत्री और जदयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पहली वर्चुअल रैली छह सितंबर को प्रस्तावित थी। इसके लिए कई तैयारियां की गई थीं, लेकिन अचानक प्रणब मुखर्जी के निधन से रैली की तिथि को सात सितंबर करना पड़ा। जदयू ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली का नाम निश्चय संवाद दिया है। इसमें नीतीश कुमार चुनावी तैयारियों को लेकर बिहार के लोगों से बात करेंगे। बता दें कि पूर्व में यह रैली सात अगस्त को होने वाली थी लेकिन कोरोना और बाढ़ को देखते हुए रैली की तिथि को छह सितंबर किया गया था।
बिहार कांग्रेस (Congress) एक सितंबर से बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन करने वाली थी लेकिन अचानक उसे अपना यह 20 दिनों का अभियान स्थगित करना पड़ा था। कांग्रेस ने बापू की कर्मभूमि चंपारण से बिहार क्रांति महासम्मेलन का फैसला किया था। रोज दो विधानसभाओं में जनसंवाद के कार्यक्रम होने थे। अब माना जा रहा है कि यह कार्यक्रम भी सात सितंबर से होगा।
उत्तर बिहार के प्रभारी सचिव और कार्यक्रम के प्रभारी अजय कपूर ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल को नए सिरे से कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। इस पर गुरुवार तक सहमति संभावित है। जदयू-कांग्रेस के अलावा राजद, वीआइपी, वामदल के साथ ही दूसरे राजनीतिक दल भी चुनावी लड़ाई को धार देने में जुटे हैं। संभावित है कि सात सितंबर के बाद प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां अचानक तेज होंगी।