Bihar Assembly Election 2020: विधान सभा चुनाव में नारों की भरमार है, जुबान पर चढऩे का इंतजार है
Bihar Assembly Election 2020 इस बार एक नहीं अनेक नारों के सहारे चुनावी मैदान में रंग जमाने की हो रही कोशिश । रोज गढ़े जा रहे नए नारे लेकिन हर जुबान पर चढ़ जाए ऐसे नारे की अभी तक हो रही तलाश ।
पटना, सुनील राज। Bihar Assembly Election 2020: नारों को अब ऐसा ही कुछ कहा जाने लगा है। एक लाइन में ऐसी बात कहो कि दिल में उतर जाए और जुबान पर चढ़ जाए। चुनाव मैदान में इन दिनों 'वन लाइनरÓ की बहार है...। पहले के चुनावों में वन लाइनर वन पीस ही होते थे। अब रोज नए-नए गढ़े जा रहे। अभी तक दर्जनों नारे पटना से लेकर गांव तक और पोस्टर से लेकर फेसबुक की दीवार तक पर लहरा-फहरा रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई नारा नहीं आया है, जो हंगामा मचा दे। सबसे अधिक चर्चा बटोर ले जाए। जनता की जुबान पर चढ़ गया हो। पिछला चुनाव जिन्हें याद है, उनसे पूछने पर वह एक दो नारे तो ऐसा बता ही देंगे, जो सभी लोगों को याद रह गए। बिहार में बहार हो... नीतीशे कुमार हो- वाला नारा अच्छा उदाहरण है।
एक नारे से नहीं भर रहा मन, नारा का जवाब नारा से
सभी राजनीतिक दल इन दिनों 'मल्टीपल' नारे गढ़ रहे है। पुराने लोग याद करते हैं कि एक पार्टी या नेता पूरा चुनाव एक नारे के सहारे लड़ लेते थे। अब वह ट्रेंड खत्म हो रहा। 2020 के चुनाव की तैयारियां अभी शुरुआती दौर में ही हैं कि बिहार के सभी दलों ने कई नारे गढ़कर जनता के बीच 'फ्लोट' कर दिए हैं। स्थिति यह है कि रोज नए बैनर की सीरीज के साथ नया नारा चुनावी बाजार में आ जा रहा। इसकी वजह बताई जा रही कि सभी बड़े दल विभिन्न कंटेंट प्लानर के साथ काम कर रहे। नारों के मामले में कोई दल किसी से पीछे नहीं। जदयू का नया नारा आया है 'न्याय के साथ तरक्की-नीतीश की बात पक्की' तो जवाब में राजद कह रहा 'दो हजार बीस, हटाओ नीतीश'। इसके पहले एक नारा आया 'बिहार के विकास में छोटा सा भागीदार हूं, हां मैं नीतीश कुमार हूं' तो राजद भी जवाब देते हुए नारा बुलंद करता है 'कर लिया है विचार, हमें चाहिए तेजस्वी सरकार'। जदयू '15 साल बनाम 15 साल' का नारा उछालता है तो तेजस्वी की पार्टी जोड़ती है 'बदलो बिहार'। जदयू का एक नारा जवाब देता है 'क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार'।
नारों के सहारे 15 साल के कार्य की तारीफ
भाजपा ने नारा दिया 'भाजपा है तैयार, आत्मनिर्भर बिहार'। भाजपा का एक और नारा है 'फर्क साफ है...।' इन नारों के सहारे बिहार में पिछले 15 साल में चले विकास कार्य की तारीफ की जा रही। 15 साल बनाम 15 साल का फर्क दिखाने की कोशिश हो रही। लोक जनशक्ति पार्टी अपने नारे में सीधे बिहार की बात करती है। कभी लोजपा 'बिहार फस्र्ट-बिहारी फर्स्ट' का प्रयोग करती है, तो कभी कहती है 'ना धर्म ना जात, सबकी बात' । पार्टी एक शेर के जरिए भी अपना एजेंडा साफ करने की कोशिश कर रही 'वो लड़ रहे हम पर राज करने के लिए और हम लड़ रहे बिहार पर नाज करने के लिए' ।
सबकी अपनी ढपली, अपना राग
श्रमिकों की परेशानी, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रदेश की सरकार पर हमलावर होती है और नारा बुलंद करती है 'बिहार बदलो, सरकार बदलो।' पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी भी अपने नारों के जरिए सरकार पर हमलावर दिख रही है। पप्पू यादव की पार्टी का नारा है 'जन अधिकार से बदलेगा बिहार' । भाकपा माले ने नारा दिया है 'लूट-झूठ की सरकार को सबक सिखाओ-बिहार में वैकल्पिक सरकार बनाओ' तो भाकपा जैसे दल 'भाकपा की पुकार, समावेशी विकास, गरीबों की सरकार' जैसे नारे गढ़े जा चुके हैं।