Bihar Assembly Election 2020 : दिल्ली में सुलझेगा राजद और कांग्रेस में सीट बंटवारे का झगड़ा
Bihar Assembly Election 2020 कांग्रेस को राजद ने दिए दो ऑफर। 80 सीट मिलेगी तो रालोसपा सीपीआइ और सीपीएम को इसी में से सीट देना होगा। 50 मिली तो बाकी दलों का फैसला राजद करेगा।
पटना, सुनील राज । Bihar Assembly Election 2020 : फैसले का वक्त आ गया है। महागठबंधन में राजद और कांग्रेस को तय करना है कि कितनी सीट किसे मिलेगी और कैसे लडऩा है। जाहिर है असली फैसला राजद को करना है और उसने कांग्रेस के पास दो ऑफर भिजवाए हैं। फिलहाल कांग्रेस को दोनों ऑफर पसंद नहीं आ रहे हैं। उम्मीद है इस बारे में शीघ्र फैसला हो जाएगा, लेकिन वह पटना में नहीं दिल्ली में होगा।
राजद ने बनाया 80 और 50 का फार्मूला
कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि राजद ने दो ऑफर भेजे हैं। 80 और 50 का यह ऑफर राजद ने सोच-समझकर तैयार किया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के महागठबंधन से बाहर होने के पहले से ही वामदलों को महागठबंधन से जोडऩे पर काम शुरू हो गया था। वामदलों के साथ आने से भले ही महागठबंधन की ताकत बढ़ी है, लेकिन दूसरा बड़ा संकट सीटों के विभाजन का है।
राजद के बनाए फार्मूले को अगर कांग्रेस मानती है और 80 सीटों वाला ऑफर स्वीकार करती है, तो उसे अपने कोटे से सीपीआइ, सीपीएम और रालोसपा को सीट देनी होगी। इन दलों के साथ मोलभाव भी कांग्रेस को करना होगा। राजद अपने कोटे से भाकपा माले और वीआइपी को सीटें देगा।
दूसरा फार्मूला है 50 सीट का। ये सभी सीट कांग्रेस अपने लिए रख सकेगी। गठबंधन के बाकी दलों के साथ मोलभाव राजद के नेता करेंगे और वही सीट बंटवारे का फैसला करेंगे। इस बारे में कांग्रेस दखल नहीं देगी। बताया जाता है कि भाकपा माले और वीआइपी के प्रभाव वाले वोटबैंक को राजद अपने साथ जोड़े रखने के लिए इन दो दलों की सीटों का फैसला खुद करना चाहता है।
85 सीटों पर अकेले लडऩा चाहती है कांग्रेस
पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल पिछले दो महीने में लगातार ऐसे दावे करते रहे हैं कि कांग्रेस सम्मानजनक सीटों पर समझौता करेगी। उनकी बातें इस बात का संकेत हैं यदि 2015 के चुनाव में कांग्रेस तब 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जब जदयू भी महागठबंधन में था। उसने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अब जबकि जदयू महागठबंधन में नहीं है न ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा है, तो ऐसे में महागठबंधन में दूसरा सबसे बड़ा दल होने के नाते उसकी भागीदारी ज्यादा बनती है। चर्चा है कि कांग्रेस कम से कम 85 सीटों पर बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाना चाहती है।
बातचीत के लिए कांग्र्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मिली जिम्मेदारी
राजद-कांग्रेस के बीच सीटों की तल्खी बढ़ती देख इस मामले को निपटाने की जवाबदेही कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडेय को सौंपी है। इन नेताओं की एक राउंड की बातचीत राजद नेता तेजस्वी यादव से हो भी चुकी है। यह बात तब हुई जब तेजस्वी चंद रोज पहले तीन-चार दिनों के प्रवास पर दिल्ली में थे। हालांकि कुछ फाइनल नहीं हो पाया। अब चर्चा का दूसरा दौर चलेगा, तो फैसला दिल्ली से हो जाएगा।