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Bihar Assembly Election 2020: रघुवंश के तीखे तेवर से बैकफुट पर तेजस्‍वी, रामा सिंह पर भारी पड़े ब्रह्म बाबा

Bihar Assembly Election 2020 रघुवंश प्रसाद सिंह राजद से नाराज चल रहे हैं लेकिन लालू उनको मनाने में लगे हैं। वहीं तेजस्वी की पसंद रामा सिंह को राजद में एंट्री नहीं मिली है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 08:03 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: रघुवंश के तीखे तेवर से बैकफुट पर तेजस्‍वी, रामा सिंह पर भारी पड़े ब्रह्म बाबा
Bihar Assembly Election 2020: रघुवंश के तीखे तेवर से बैकफुट पर तेजस्‍वी, रामा सिंह पर भारी पड़े ब्रह्म बाबा

पटना, राज्य ब्यूरो। लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता रामा सिंह को राजद में लाने की कोशिशें फिलहाल कामयाब नहीं हो सकीं। उन्हें सोमवार को ही लाव-लश्कर के साथ राजद की सदस्यता लेनी थी। किंतु पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के भारी विरोध के चलते तारीख टल गई है। रामा को राजद में लाने का प्रयास नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने स्तर से किया था। उनके फैसले पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की भी सहमति बताई जाती है, लेकिन रघुवंश ने जब तेवर तीखे किए तो आलाकमान को हस्तक्षेप करना पड़ा।

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सूचना है कि लालू प्रसाद ने रांची जेल अस्पताल से ही फोन करके रघुवंश प्रसाद को समझाने की कोशिश की है। उधर पार्टी में भी यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। उच्च स्तर पर पहल के बाद रामा के लिए फिलहाल राजद का दरवाजा बंद कर दिया गया है।

रामा सिंह के मुताबिक पार्टी नेतृत्व ने उन्हें हफ्ते भर इंतजार करने के लिए कहा है। जब दोबारा आदेश आएगा तो ज्वाइन कर लूंगा। रघुवंश और रामा सिंह के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि उन्होंने राजद को सींचा है। अभी हम सबको उनके स्वास्थ्य की चिंता है। जब वह स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर आ जाएंगे तो सारे मुद्दों पर बातें होंगी।

2014 के लोकसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर वैशाली क्षेत्र से रघुवंश सिंह को हराने वाले रामा सिंह ने 16 जून को तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और राजद में जाने का रास्ता प्रशस्त किया था। साल भर पहले भी रामा ने राजद में दस्तक दी थी, लेकिन उस वक्त उनकी कोशिश कामयाब नहीं हो सकी थी। उसके बाद से ही रामा प्रतीक्षा में थे।

विधानसभा चुनाव के पहले राजनीति ने उन्हें फिर मौका दिया और सबकुछ तय हो गया। किंतु इसी बीच अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे रघुवंश को पता चला तो उन्होंने पार्टी में अपने सारे पदों से इस्तीफा दे दिया।


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